बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने मंगलवार को दिल्ली में शासन के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा लाये गये राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2021 का विरोध किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'ये कौन सा सहकारी संघवाद है जहां एक राज्य की निर्वाचित सरकार के अधिकार को छीन कर एक नौकरशाह को सौंपने का बिल लाया जा रहा है. तेजस्वी यादव ने दावा करते हुए आगे लिखा कि दिल्ली में चल रही इस मंशा का अगर विरोध नहीं हुआ तो कल किसी और राज्य का भी नंबर आएगा. मैं और मेरी पार्टी हर स्तर पर इसका विरोध करते है.'
ये कौन सा सहकारी संघवाद है जहां एक राज्य की निर्वाचित सरकार के अधिकार को छीन कर एक नौकरशाह को सौंपने का बिल लाया जा रहा है। दिल्ली में चल रही इस मंशा का अगर विरोध नहीं हुआ तो कल किसी और राज्य का भी नंबर आएगा। मैं और मेरी पार्टी हर स्तर पर इसका विरोध करते है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 16, 2021
बता दें कि लोकसभा में सोमवार को दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2021 पेश किया गया, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल की कुछ भूमिका और अधिकारों को परिभाषित करने का प्रस्ताव किया गया है. इसे लेकर अब दिल्ली की राजनीति भी गरमा गई है.
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पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2021 को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि इन संशोधनों के बाद दिल्ली सरकार की स्थिति नगरपालिका से भी कम हो जाएगी और उपराज्यपाल ‘वायसराय' बन जाएगा. पूर्व गृह मंत्री ने विपक्षी दलों का आह्वान किया कि संसद में वे इस विधेयक के खिलाफ मतदान करें.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘इस प्रस्तावित अधिनियम में जिन संशोधनों का प्रस्ताव है वे संशोधन प्रतिगामी, अलोकतांत्रिक और दिल्ली के लोगों का अपमान हैं.'' चिदंबरम के मुताबिक, ‘‘लोगों की मांग और दिल्ली वालों की इच्छा थी कि स्थानीय सरकार की विधायी शक्तियों को बढ़ाया जाए. इसके विपरीत, प्रस्तावित संशोधन लाया गया है जो दिल्ली सरकार की स्थिति को एक नगरपालिका से कम कर देगा.''
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उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रस्तावित संशोधनों के तहत, केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल अपने मालिक की इच्छा के अनुसार सभी शक्तियों का प्रयोग करने वाला वायसराय बन जाएगा.'' कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘लोगों को संशोधनों का विरोध करना चाहिए. विपक्ष को संशोधनों के खिलाफ मतदान करना चाहिए.''
केजरीवाल सरकार ने की NCT बिल की आलोचना
वहीं NCT बिल की दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government) ने आलोचना की है. केजरीवाल सरकार का कहना है कि केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस विधेयक के जरिए राजधानी दिल्ली में पिछले दरवाजे से सरकार चलाने की कोशिश कर रही है, इसलिए यह बिल अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है, जिसका आम आदमी पार्टी सड़क से लेकर संसद तक विरोध करेगी.
उधर, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने भी विरोध करते हुए कहा कि BJP केजरीवाल के सुशासन मॉडल से घबरा गई है. इसलिए दिल्ली की निर्वाचित सरकार (Delhi Government) के अधिकार छीनने का यह बिल ला रही है, लेकिन इस मुद्दे के लिए सियासत, सड़क पर संघर्ष से लेकर अदालत जाने तक के सारे विकल्प आजमाए जाएंगे.
बिल में दो आपत्तिजनक बातें- सिसोदिया
दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस संशोधन विधेयक में दो बातें बहुत आपत्तिजनक हैं. पहला, यह बिल कहता है दिल्ली में सरकार उपराज्यपाल होंगे, जो भी कानून बनेगा, उसमें सरकार उपराज्यपाल को लिखा जाएगा. हर फाइल जो भी मंत्रिमंडल, मंत्री या मुख्यमंत्री निर्णय लेंगे, जैसे मान लीजिए मोहल्ला क्लीनिक बनाना है तो वह फाइल उपराज्यपाल को भेजी जाएगी. अगर सीसीटीवी कैमरा लगाना है, महिलाओं के लिए बस यात्रा मुफ्त करनी है तो यह तो बीजेपी के एलजी साहब हैं.
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को लोकसभा में 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक (NCT bill) 2021' पेश किया था.
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