तहलका के प्रधान संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में समाचार पत्रिका की प्रबंध संपादक शोमा चौधरी ने रुख बदलते हुए कहा है कि इस मामले में हमारी ओर से पीड़ित लड़की पर किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं है और पुलिस में जाने या न जाने का फैसला करने के लिए वह स्वतंत्र है।
शोमा चौधरी ने अपने पिछले बयानों को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में यह भी कहा कि "हमारी ओर से भी थोड़ी गलती हुई और हमें लग रहा था कि पीड़ित लड़की तरुण तेजपाल द्वारा माफी मांगे जाने से संतुष्ट है। उस समय तक हमें सिर्फ कहानी का तरुण वाला पहलू ही मालूम था।"
शोमा चौधरी ने इसके अलावा यह जानकारी भी दी कि तहलका ने मामले की जांच के लिए आंतरिक समिति का गठन कर दिया है। शोमा ने कहा कि प्रकाशक उर्वशी बुटालिया की अध्यक्षता में शिकायत समिति मामले की जांच करेगी। शोमा ने एक बयान में कहा, तरुण तेजपाल को 20 नवंबर को तहलका के संपादक पद से हटाने की स्वीकृति के बाद तहलका ने अब एक औपचारिक शिकायत समिति बनाई है, जो इस मामले में दिशानिर्देशों के अनुरूप मामले की जांच करेगी।
समिति की प्रमख जानी-मानी महिला अधिकार कार्यकर्ता और प्रकाशक उर्वशी बुटालिया होंगी। शोमा ने कहा, इसके अलावा तहलका महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 की धारा 4 के अनुसार एक औपचारिक शिकायत समिति बनाएगी, जो तहलका में अभी तक नहीं है।
समिति के सामने अब पीड़िता तथा तरुण तेजपाल दोनों का पक्ष रखा जाएगा और हासिल सबूतों के आधार पर समिति अपने निष्कर्ष निकालेगी। शोमा ने यह भी कहा कि मैं इस मामले में कोई निर्णय देने के लिए नहीं आई हूं और आप लोगों से (मीडिया)
भी यही आग्रह है कि अटकलबाजी न करके समिति को अपना काम करने दें।
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