नई दिल्ली:
टीम अन्ना की मुख्य सदस्य किरण बेदी उस वक्त एक नई परेशानी में घिर गईं जब उनका यात्रा संबंधी कामकाज संभालने वाले उनके एनजीओ के सहयोगी ने हवाई यात्रा के बिलों के विवाद से खुद को अलग करते हुए उनका साथ छोड़ दिया। टीम अन्ना पर आरोपों की बौछार बढ़ती जा रही है ऐसे समय में कोर कमेटी की बैठक 29 अक्टूबर को होगी जिसमें टीम के सदस्य अपने चारों ओर उठे विवाद पर चर्चा कर सकते हैं। इनमें प्रशांत भूषण का टीम में शामिल बने रहने का मुद्दा और अरविंद केजरीवाल तथा किरण बेदी पर वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप शामिल होंगे। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि अन्ना हजारे बैठक में मौजूद रहेंगे या नहीं। वह फिलहाल मौन व्रत पर हैं। वहीं टीम अन्ना के सूत्रों ने कहा कि वह अपना मौनव्रत तोड़ने के बाद ही शामिल होंगे। हालांकि केजरीवाल ने किरण बेदी का बचाव किया है और लोकपाल विधेयक को पारित करने को लेकर सरकार के इरादों पर सवाल खड़ा किया है। वहीं कांग्रेस ने हजारे के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि सरकार में शामिल लोग उनकी टीम के खिलाफ हैं। कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि सिविल सोसायटी और सरकार के बीच मतभेद को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। किरण बेदी के लिए दिक्कत उस समय बढ़ गयी जब फ्लाईवेल ट्रेवल के संचालक तथा किरण के इंडिया विजन फाउंडेशन के ट्रस्टी अनिल बल ने एनजीओ छोड़ते हुए कहा कि अपने मेजबानों से अधिक वसूलने का बचाव करने से यह गलत संदेश गया है कि वह इसके लिए जिम्मेदार हैं।
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किरण बेदी, परेशानी, एनजीओ