यह ख़बर 05 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

टीचर्स डे : आईआईटी ने दी ईमानदार प्रोफेसर को रिटायर होने की नसीहत

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि टीचर कभी रिटायर नहीं होते, लेकिन देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक आईआईटी खड़गपुर ने एक प्रोफेसर को जबरन रिटायर हो जाने की सलाह दी है।आईआईटी खड़गपुर ने कम्प्यूटर साइंस विभाग में प्रोफेसर राजीव कुमार को सज़ा के तौर पर कम्पलसरी रिटायमेंट लेने को कहा है। जबकि राजीव कुमार पिछले कई साल से संस्थान के भीतर भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। अब प्रोफेसर राजीव कुमार ने टीचर्स डे पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिखकर इंसाफ मांगा है।
 
इस प्रोफेसर की कहानी 2006 से शुरू होती है। प्रोफसर राजीव कुमार ने उस साल एक आरटीआई के ज़रिए ये उजागर किया था कि आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में बड़ी खामियां है। उस साल प्रो. कुमार की आरटीआई से ये सच निकल कर आया कि आईआईटी में 279 नंबर लाने वाले छात्र को एडमिशन नहीं मिलता, जबकि 154 नंबर वाले को एडमिशन मिल जाता है। ये गड़बड़ी आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में अलग-अलग विषय की कट ऑफ की वजह से थी। 
 
इस सच के सामने आने के बाद काफी हड़कंप मचा और फिर तो राजीव कुमार की मुहिम के बाद आईआईटी प्रवेश परीक्षा में कई बदलाव आए, वह अधिक पारदर्शी हो गई। कट ऑफ के लिए नए नियम बने और छात्रों को अपनी आंसर शीट की कॉपी घर ले जाने की इजाज़त मिली, ताकि बाद में वे अपने सही उत्तरों का पता लगा सकें। 
 
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि प्रो. राजीव कुमार सिस्टम की खामियों को दूर करने में लगे 'अनसंग हीरो' में से एक हैं, यानी वह लोग जो बिना सुर्खियों में आए भ्रष्टाचार की गंदगी को साफ कर रहे हैं। 
 
आईआईटी में ऊंचे ओहदे पर बैठे कुछ लोगों को इन खामियों के उजागर होने से तकलीफ हुई। 2011 में प्रो. कुमार को सस्पेंड कर दिया गया और उनके खिलाफ एक जांच बिठा दी गई। उन पर आरोप लगा कि वह संस्थान का माहौल खराब कर रहे हैं और मीडिया को ख़बरें लीक कर रहे हैं।
 
प्रो. कुमार इंसाफ के लिए गुहार लगाते रहे लेकिन उनके निलंबन को नियमों के खिलाफ बढ़ाया जाता रहा। इस बीच उनकी जासूसी किए जाने की बात भी सामने आई। जब ये पता चला कि आईआईटी खड़गपुर ने उनके निजी फोन की कॉल डीटेल्स बीएसएनएल से ली हैं। इस बीच आईआईटी खड़गपुर एनडीटीवी इंडिया के सवालों के जवाब में इन आरोपों से इनकार करती रही कि प्रो. कुमार को प्रताड़ित किया जा रहा है।
 
अपने खिलाफ बिठाई गई जांच के बारे में प्रोफेसर कुमार कहते रहे कि इसमें निष्पक्षता नहीं बरती जा रही। केंद्रीय एचआरडी मंत्रालय और केंद्रीय सतर्कता आयोग यानी सीवीसी ने प्रो. कुमार के खिलाफ हो रही जांच पर सवाल उठाए और कहा कि मामला राष्ट्रपति को भेजा जाना चाहिए। बाद में राष्ट्रपति ने केंद्रीय एचआरडी मंत्रालय से इस पर दखल देने का कहा। 
 
प्रोफेसर राजीव कुमार को तो राहत नहीं, मिली लेकिन इस साल 20 जून को आईआईटी खड़गपुर ने कुमार को सज़ा के तौर पर जबरन रिटायरमेंट लेने को कहा है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com