प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी, सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह।
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चाय पर चर्चा के लिए बुलाकर विपक्ष के नेताओं के साथ एक नया संवाद शुरू करने की कोशिश की है। संसद में लंबे समय से जारी गतिरोध के संदर्भ में हुई इस मुलाकात को राजनीतिक गलियारों में टकराव टालने की एक अहम कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। जीएसटी सहित कई अहम आर्थक सुधार से जुड़े बिल एनडीए सरकर के एजेंडे पर हैं जिसके लिए उसे कांग्रेस की मदद चाहिए।
यह मोदी के काम का तरीका नहीं रहा : राहुल
सरकार पर संवाद न करने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस अब बोल रही है कि जनता के दबाव में पीएम का रुख बदला है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम के न्यौते पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, "यह पब्लिक प्रेशर की वजह से हो रहा है। यह उनका इंन्टेंट पहले कभी नहीं रहा...यह उनके काम करने का तरीका नहीं रहा है।"
तीन मसलों पर मतभेद दूर होने पर कांग्रेस का समर्थन
शीतकालीन सत्र के दौरान प्रधानमंत्री अपनी इस कवायद में कितना सफल हो पाएंगे यह इस बात पर नर्भर करेगा कि वे कांग्रेस और GST का विरोध कर रहे दूसरे दलों की चिंताओं को कहां तक दूर करने की कोशिश करते हैं। सबसे ज्यादा गतिरोध जीएसटी को लेकर है और कांग्रेस इस पर अपने पत्ते खोल चुकी है। शुक्रवार को भी राहुल ने अपनी तीन शर्तें दुहरा दीं। उन्होंने कहा, "हमारे सरकार के साथ GST से जुड़े तीन मसलों पर मतभेद हैं। (अगर सरकार मान जाती है तो आप समर्थन करेंगे? - हां...")
तृणमूल ने कहा, माहौल अब अच्छा
दूसरे विपक्षी दल भी सरकार के रुख में बदलाव को महसूस कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रे ने एनडीटीवी से कहा, "सरकार अब पहले से आगे बढ़कर बात कर रही है। माहौल अब पहले से अच्छा है।"
GST पर सरकार और कांग्रेस के बीच गतिरोध को खत्म करने की प्रधानमंत्री की तरफ से यह अब तक की सबसे अहम पहल है। कुछ विपक्षी दल के नेता इसे सरकार के रुख में बदलाव के तौर पर देख रहे हैं। अब देखना होगा अपनी इस नई कवायद में प्रधानमंत्री कितने कामयाब हो पाते हैं।
यह मोदी के काम का तरीका नहीं रहा : राहुल
सरकार पर संवाद न करने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस अब बोल रही है कि जनता के दबाव में पीएम का रुख बदला है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम के न्यौते पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, "यह पब्लिक प्रेशर की वजह से हो रहा है। यह उनका इंन्टेंट पहले कभी नहीं रहा...यह उनके काम करने का तरीका नहीं रहा है।"
तीन मसलों पर मतभेद दूर होने पर कांग्रेस का समर्थन
शीतकालीन सत्र के दौरान प्रधानमंत्री अपनी इस कवायद में कितना सफल हो पाएंगे यह इस बात पर नर्भर करेगा कि वे कांग्रेस और GST का विरोध कर रहे दूसरे दलों की चिंताओं को कहां तक दूर करने की कोशिश करते हैं। सबसे ज्यादा गतिरोध जीएसटी को लेकर है और कांग्रेस इस पर अपने पत्ते खोल चुकी है। शुक्रवार को भी राहुल ने अपनी तीन शर्तें दुहरा दीं। उन्होंने कहा, "हमारे सरकार के साथ GST से जुड़े तीन मसलों पर मतभेद हैं। (अगर सरकार मान जाती है तो आप समर्थन करेंगे? - हां...")
तृणमूल ने कहा, माहौल अब अच्छा
दूसरे विपक्षी दल भी सरकार के रुख में बदलाव को महसूस कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रे ने एनडीटीवी से कहा, "सरकार अब पहले से आगे बढ़कर बात कर रही है। माहौल अब पहले से अच्छा है।"
GST पर सरकार और कांग्रेस के बीच गतिरोध को खत्म करने की प्रधानमंत्री की तरफ से यह अब तक की सबसे अहम पहल है। कुछ विपक्षी दल के नेता इसे सरकार के रुख में बदलाव के तौर पर देख रहे हैं। अब देखना होगा अपनी इस नई कवायद में प्रधानमंत्री कितने कामयाब हो पाते हैं।
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