छापेमारी में करोड़ों रुपये की अचल संपत्ति का पता चला है
भोपाल: मध्य प्रदेश के आयकर विभाग के करीब 150 अधिकारियों (Income Tax department) ने गुरुवार सुबह 5:30 बजे 'कोरोना वॉरियर्स' (COVID-19 warriors) के वेश में भोपाल के करीब 20 ठिकानों पर समन्वित छापेमारी (Raid) की. यह परिसर दो बिजनेस समूहों और उनके संबंधितों के हैं. आईटी अधिकारियों की कई टीमें और स्पेशन ऑर्म्ड फोर्स (SAF) पुलिस के कर्मचारी ऐसे वाहनों पर छापेमारी के लिए पहुंचे थे जिन पर 'मध्य प्रदेश सरकार, स्वास्थ्य विभाग की कोविड-19 टीम आपका स्वागत करती है.'तलाशी अभियान से सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन के दौरान करीब 100 अचल संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए हैं. भोपाल और नजदीकी सीहोर जिले की इस संपत्ति की कीमत कई करोड़ रुपये बताई गई है. इसमें दो क्रिकेट ग्राउंड भी शामिल हैं.
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सूत्रों ने बताया कि एक करोड़ रुपये की नकदी भी बरामद की गई है. सूत्र बताते हैं कि इन दो बिजनेस ग्रुप में से एक का प्रमुख फेथ ग्रुप का राघवेंद्र सिंह तोमर हैं जो एक प्रभावशाली नेता का करीबी माना जाता है. यह बीजेपी नेता इस समय शिवराज सिंह चौहान सरकार में कैबिनेट मंत्री है.
करीब 150 अधिकारियों की टीम ने 20 ठिकानों पर छापेमारी की
यह मंत्री ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से हैं और बताया जाता है कि इन्होंने मार्च के महीने में कांग्रेस के नेतृत्व वाली कमलनाथ सरकार को गिरवाने में अहम भूमिका निभाई थी. कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने इस छापेमारी को लेकर ट्वीट किया, इसमें उन्होंने लिखा, यह (छापेमारी) कुछ और नहीं, इन कैबिनेट मंत्री के रुतबे को सीमित करने का कदम है. इन मंत्री ने हाल में सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि राघवेंद्र सिंह तोमर उनके लिए छोटे भाई जैसे है. बीजेपी को अब तोमर के साथ इन मंत्रीजी के संबंधों को स्पष्ट करना चाहिए. बीजेपी ने भी जवाब देने में देर नहीं लगाई. पार्टी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा, 'आयकर विभाग कानून के मुताबिक अपना काम कर रहा है लेकिन कांग्रेस केवल बीजेपी नेताओं की छवि खराब करने के लिए झूठे आरोप लगा रही है. '