मद्रास उच्च न्यायालय ने राजमार्गों पर चलने वाले वाहनों के लिए गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा तय करने वाली केंद्र सरकार की अधिसूचना को रद्द कर दिया है. न्यायमूर्ति एन किरुबाकरण (सेवानिवृत्त) और न्यायमूर्ति टी वी तमिलसेल्वी की पीठ ने हाल में 6 अप्रैल, 2018 की अधिसूचना को रद्द कर दिया. साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों को कम गति सीमा निर्धारित करते हुए नयी अधिसूचना जारी करने का भी निर्देश दिया.
इस साल 3 मार्च को मूल रूप से एक अपील पर अंतरिम आदेश पारित करते हुए पीठ ने अपीलकर्ता को मुआवजे की राशि 18.43 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.50 करोड़ रुपये कर दी थी. याचिकाकर्ता एक दंत चिकित्सक है. साल 2013 में तमिलनाडु के कांचीपुरम में सड़क दुर्घटना में वह 90 प्रतिशत तक दिव्यांग हो गया था.
इसके अलावा पीठ ने केंद्र को गति सीमा को बढ़ाकर 120 करने की 2018 की उसकी अधिसूचना पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया था. अदालत ने अगस्त में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के लिये कहा था. केंद्र ने अपनी रिपोर्ट में गति सीमा बढ़ाने के अपने कदम को सही ठहराया था.
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