प्रतीकात्मक तस्वीर
बरेली:
देश में नए जमाने की तीव्रगामी रेलगाड़ियों का दौर शुरू करने की महत्वाकांक्षी योजना के तहत उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित इज्जतनगर से मुंबई तक का कामयाब सफर तय करने वाली टेल्गो ट्रेन की वतन वापसी की तैयारी शुरू कर दी गयी है. स्पेन की कम्पनी टेल्गो की समूह प्रमुख एलीना ने आज यहां बताया कि पिछले तीन महीने तक सफलतापूर्वक गति परीक्षण से देशभर में सुर्खियां बटोरने वाली टेल्गो ट्रेन अपने वतन वापस जाएगी. हवा से बातें करने वाली इस रेलगाड़ी के परीक्षण के तीनों चरण पूरे होने के बाद टेल्गो के डिब्बे गुरुवार रात दिल्ली से बरेली वापस आ गए.
उन्होंने बताया कि इज्जत नगर रेलवे कारखाने में लगभग एक सप्ताह तक टेल्गो कोच के पुर्जे अलग किए जाएंगे. उन्हें यहां से ट्रक से मुंबई बंदरगाह भेजा जाएगा और सितंबर के अंतिम सप्ताह तक स्पेन रवाना हो जाएंगे. एलीना ने बताया कि कोच के बारे में फैसला बोर्ड और रेल मंत्रालय के हाथ में होता है. परीक्षण के दौर पूरे हो चुके हैं. हमें भारत के रेलवे ट्रैक पर काफी अलग-अलग अनुभव हुए. पूरी टीम ने इसका लुत्फ लिया. रेलवे और जनता ने काफी अच्छी प्रतिक्रिया दी.
रेलवे के अनुसंधान एवं डिजाइन विभाग (आरडीएसओ) के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक तीन महीने की परीक्षण अवधि पूरी हो गई है. जो भी मानक और इसके परिणाम सामने आए हैं, उनकी रिपोर्ट आरडीएसओ रेलवे बोर्ड को भेजेगा. मालूम हो कि स्पेन की टेल्गो कंपनी के डिब्बे मई में इज्जत नगर कारखाने में लाये गये थे. यहां डिब्बों के सभी पुर्जों को जोड़कर ट्रेन की शक्ल दी गई थी. गत 25 मई को रेलवे बोर्ड के सदस्यों और पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबन्धक ने कोच का निरीक्षण किया था, जिसके बाद इज्जत नगर से भोजीपुरा के बीच के खंड में ट्रेन का पहला गति परीक्षण हुआ था.
बरेली में गति परीक्षण के बाद ट्रेन को बरेली-मुरादाबाद के ट्रैक पर 90 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दौड़ाया गया था. जून में मथुरा-पलवल मार्ग पर दिल्ली-मुंबई के हाईस्पीड ट्रैक पर टेल्गो का परीक्षण हुआ था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने बताया कि इज्जत नगर रेलवे कारखाने में लगभग एक सप्ताह तक टेल्गो कोच के पुर्जे अलग किए जाएंगे. उन्हें यहां से ट्रक से मुंबई बंदरगाह भेजा जाएगा और सितंबर के अंतिम सप्ताह तक स्पेन रवाना हो जाएंगे. एलीना ने बताया कि कोच के बारे में फैसला बोर्ड और रेल मंत्रालय के हाथ में होता है. परीक्षण के दौर पूरे हो चुके हैं. हमें भारत के रेलवे ट्रैक पर काफी अलग-अलग अनुभव हुए. पूरी टीम ने इसका लुत्फ लिया. रेलवे और जनता ने काफी अच्छी प्रतिक्रिया दी.
रेलवे के अनुसंधान एवं डिजाइन विभाग (आरडीएसओ) के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक तीन महीने की परीक्षण अवधि पूरी हो गई है. जो भी मानक और इसके परिणाम सामने आए हैं, उनकी रिपोर्ट आरडीएसओ रेलवे बोर्ड को भेजेगा. मालूम हो कि स्पेन की टेल्गो कंपनी के डिब्बे मई में इज्जत नगर कारखाने में लाये गये थे. यहां डिब्बों के सभी पुर्जों को जोड़कर ट्रेन की शक्ल दी गई थी. गत 25 मई को रेलवे बोर्ड के सदस्यों और पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबन्धक ने कोच का निरीक्षण किया था, जिसके बाद इज्जत नगर से भोजीपुरा के बीच के खंड में ट्रेन का पहला गति परीक्षण हुआ था.
बरेली में गति परीक्षण के बाद ट्रेन को बरेली-मुरादाबाद के ट्रैक पर 90 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दौड़ाया गया था. जून में मथुरा-पलवल मार्ग पर दिल्ली-मुंबई के हाईस्पीड ट्रैक पर टेल्गो का परीक्षण हुआ था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं