नई दिल्ली:
देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को आर्थिक राजधानी मानी जाने वाली मुंबई नगरी से जोड़ने के लिए स्पेनिश ट्रेन कंपनी टैल्गो के कोचों का परीक्षण कर रही भारतीय रेलवे ने बुधवार को एक नया इतिहास बना दिया।
भारतीय लोको इंजन के सहारे चल रहे टैल्गो कोचों का प्रायोगिक परीक्षण (ट्रायल) मथुरा से रूंधी स्टेशन के मध्य किया गया और 180 किमी प्रतिघण्टे की गति प्राप्त कर यह ट्रेन देश की सर्वाधिक तेज गति से चलने वाली ट्रेन बन गई। इससे पूर्व यह खिताब दिल्ली से आगरा तक चलने वाली गतिमान एक्सप्रेस के नाम था, जो गतवर्ष ही चालू की गई है। ( ये भी पढ़ें : आइए पढ़ें टैल्गो ट्रेन के बारे में पांच खास बातें )
स्पेन की हाईस्पीड ट्रेन ने मथुरा और पलवल के बीच 84 किमी की दूरी मात्र 38 मिनट में पूरी की
रेल सूत्रों के अनुसार, यहां चल रहे ट्रायल के पांचवें दिन स्पेन की हाईस्पीड ट्रेन ने मथुरा और पलवल के बीच 84 किमी की दूरी मात्र 38 मिनट में पूरी की। तेज गति की अन्य ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस की अधिकतम रफ्तार 160 किमी, शताब्दी एक्सप्रेस की 150 किमी और राजधानी एक्सप्रेस की 130 किमी प्रतिघंटा है। टैल्गो कोचों का अगला ट्रायल दिल्ली से मथुरा होकर मुंबई जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस के रूट पर किया जाएगा। टैल्गो ट्रेन के ट्रायल का दूसरा चरण यहां 9 जुलाई से प्रारंभ हुआ था।
मथुरा-पलवल के बीच पहले दिन 120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ने के बाद हर दिन इसकी गति 10 किमी बढ़ाने का फैसला हुआ था, लेकिन अभी तक के सभी ट्रायल कामयाब रहने से उत्साहित तकनीशियनों की टीम ने मंगलवार को ही ट्रेन 170 की रफ्तार से दौड़ा दी थी। बुधवार को आगरा मंडल के डीआरएम प्रभाष कुमार इंजन में ही बैठ गए। सुबह 11 बज कर 28 मिनट पर लोको पायलट सुनील पाठक, विवेक शर्मा और गार्ड संजय मिश्र ने एक-दूसरे को हरी झंडी दिखाई और ट्रेन ने रफ्तार पकड़ना शुरू कर दिया।
अब ट्रेन में वजन रखकर ट्रायल किया जाएगा
इसके बाद टैल्गो 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ते हुए दोपहर 12 बज कर छह मिनट पर पलवल पहुंच गई। रूंधी तक 74 किमी का सफर तो ट्रेन ने केवल 30 मिनट में ही पूरा कर लिया था। अब ट्रेन में सवारियों के बराबर वजन रखकर वास्तविक यात्रा का माहौल तैयार कर ट्रायल किया जाएगा।
तब यह परखा जाएगा कि यात्रियों से भरी ट्रेन के संचालन में तो कोई परेशानी नहीं आएगी अथवा गति तेज होने पर रास्ते में आने वाले मोड़ों पर रेत के उन बोरों की स्थिति की क्या होगी, जिन्हें यात्रियों के रूप में सीट पर बांधकर ढोया जाएगा।
, टैल्गो कोचों का अब तक हुआ हर ट्रायल काफी हद तक सफल रहा है
उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मण्डल के रेल प्रबंधक प्रभाष कुमार के हवाले से दी गई जानकारी के अनुसार, टैल्गो कोचों का अब तक हुआ हर ट्रायल काफी हद तक सफल रहा है। कोई भी ऐसी तकनीकी दिक्कत नहीं आई जिससे किसी बड़ी रुकावट का अंदेशा पैदा होता हो।
उन्होंने बताया कि हल्की एवं उन्नतशील तकनीकी से बनी होने के कारण टैल्गो ट्रेन के कोच 180 किमी प्रतिघण्टा की गति पर भी सामान्य स्थिति में चलने का परीक्षण सफलतापूर्वक पास कर चुके हैं। तीसरे चरण का परीक्षण दौर समाप्त होने के बाद यह ट्रेन इसी वर्ष चालू किए जाने की प्रबल संभावना बन गई है।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भारतीय लोको इंजन के सहारे चल रहे टैल्गो कोचों का प्रायोगिक परीक्षण (ट्रायल) मथुरा से रूंधी स्टेशन के मध्य किया गया और 180 किमी प्रतिघण्टे की गति प्राप्त कर यह ट्रेन देश की सर्वाधिक तेज गति से चलने वाली ट्रेन बन गई। इससे पूर्व यह खिताब दिल्ली से आगरा तक चलने वाली गतिमान एक्सप्रेस के नाम था, जो गतवर्ष ही चालू की गई है। ( ये भी पढ़ें : आइए पढ़ें टैल्गो ट्रेन के बारे में पांच खास बातें )
स्पेन की हाईस्पीड ट्रेन ने मथुरा और पलवल के बीच 84 किमी की दूरी मात्र 38 मिनट में पूरी की
रेल सूत्रों के अनुसार, यहां चल रहे ट्रायल के पांचवें दिन स्पेन की हाईस्पीड ट्रेन ने मथुरा और पलवल के बीच 84 किमी की दूरी मात्र 38 मिनट में पूरी की। तेज गति की अन्य ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस की अधिकतम रफ्तार 160 किमी, शताब्दी एक्सप्रेस की 150 किमी और राजधानी एक्सप्रेस की 130 किमी प्रतिघंटा है। टैल्गो कोचों का अगला ट्रायल दिल्ली से मथुरा होकर मुंबई जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस के रूट पर किया जाएगा। टैल्गो ट्रेन के ट्रायल का दूसरा चरण यहां 9 जुलाई से प्रारंभ हुआ था।
मथुरा-पलवल के बीच पहले दिन 120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ने के बाद हर दिन इसकी गति 10 किमी बढ़ाने का फैसला हुआ था, लेकिन अभी तक के सभी ट्रायल कामयाब रहने से उत्साहित तकनीशियनों की टीम ने मंगलवार को ही ट्रेन 170 की रफ्तार से दौड़ा दी थी। बुधवार को आगरा मंडल के डीआरएम प्रभाष कुमार इंजन में ही बैठ गए। सुबह 11 बज कर 28 मिनट पर लोको पायलट सुनील पाठक, विवेक शर्मा और गार्ड संजय मिश्र ने एक-दूसरे को हरी झंडी दिखाई और ट्रेन ने रफ्तार पकड़ना शुरू कर दिया।
अब ट्रेन में वजन रखकर ट्रायल किया जाएगा
इसके बाद टैल्गो 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ते हुए दोपहर 12 बज कर छह मिनट पर पलवल पहुंच गई। रूंधी तक 74 किमी का सफर तो ट्रेन ने केवल 30 मिनट में ही पूरा कर लिया था। अब ट्रेन में सवारियों के बराबर वजन रखकर वास्तविक यात्रा का माहौल तैयार कर ट्रायल किया जाएगा।
तब यह परखा जाएगा कि यात्रियों से भरी ट्रेन के संचालन में तो कोई परेशानी नहीं आएगी अथवा गति तेज होने पर रास्ते में आने वाले मोड़ों पर रेत के उन बोरों की स्थिति की क्या होगी, जिन्हें यात्रियों के रूप में सीट पर बांधकर ढोया जाएगा।
, टैल्गो कोचों का अब तक हुआ हर ट्रायल काफी हद तक सफल रहा है
उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मण्डल के रेल प्रबंधक प्रभाष कुमार के हवाले से दी गई जानकारी के अनुसार, टैल्गो कोचों का अब तक हुआ हर ट्रायल काफी हद तक सफल रहा है। कोई भी ऐसी तकनीकी दिक्कत नहीं आई जिससे किसी बड़ी रुकावट का अंदेशा पैदा होता हो।
उन्होंने बताया कि हल्की एवं उन्नतशील तकनीकी से बनी होने के कारण टैल्गो ट्रेन के कोच 180 किमी प्रतिघण्टा की गति पर भी सामान्य स्थिति में चलने का परीक्षण सफलतापूर्वक पास कर चुके हैं। तीसरे चरण का परीक्षण दौर समाप्त होने के बाद यह ट्रेन इसी वर्ष चालू किए जाने की प्रबल संभावना बन गई है।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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