स्वदेशी जागरण मंच के नेता (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने कहा है कि प्रस्तावित क्षेत्रीय वृहद आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) देश के लोगों के हित में नहीं है और भारत को इससे बाहर निकलना चाहिए.
एसजेएम का यह बयान ऐसे दिन आया है कि जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरसीईपी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने सिंगापुर गए हुए हैं. एसजेएम के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने बुधवार को मोदी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘हम सरकार विशेष रूप से आदरणीय प्रधानमंत्री से आग्रह करेंगे कि वह आरसीईपी में किसी तरह की प्रतिबद्धता देने से बचें. वास्तव में अब समय आ गया है जबकि भारत को सख्त और स्पष्ट फैसला करते हुए आरसीईपी से बाहर निकलना चाहिए.''
उन्होंने पत्र में कहा कि आरसीईपी करार एक प्रमुख खतरा है और यह भारत के लिए किसी तरह से अवसर नहीं है. महाजन ने कहा, ‘‘एसजेएम का मानना है कि आरसीईपी भारत के लोगों के हित में नहीं है. भारत में कोई भी क्षेत्र, इलाका ऐसा नहीं है जिसे आरसीईपी से लाभ होगा.''
(इनपुट भाषा से)
एसजेएम का यह बयान ऐसे दिन आया है कि जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरसीईपी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने सिंगापुर गए हुए हैं. एसजेएम के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने बुधवार को मोदी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘हम सरकार विशेष रूप से आदरणीय प्रधानमंत्री से आग्रह करेंगे कि वह आरसीईपी में किसी तरह की प्रतिबद्धता देने से बचें. वास्तव में अब समय आ गया है जबकि भारत को सख्त और स्पष्ट फैसला करते हुए आरसीईपी से बाहर निकलना चाहिए.''
उन्होंने पत्र में कहा कि आरसीईपी करार एक प्रमुख खतरा है और यह भारत के लिए किसी तरह से अवसर नहीं है. महाजन ने कहा, ‘‘एसजेएम का मानना है कि आरसीईपी भारत के लोगों के हित में नहीं है. भारत में कोई भी क्षेत्र, इलाका ऐसा नहीं है जिसे आरसीईपी से लाभ होगा.''
(इनपुट भाषा से)