लोकसभा का दृश्य (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
एक तरफ सरकार और कांग्रेस के बीच टकराव अपने चरम पर है तो दूसरी तरफ सूत्रों के हवाले से ये जानकारी आ रही है कि सांसदों के निलंबन का फैसला वापस लिया जा सकता है। इस बाबत सत्ता पक्ष जल्द ही विचार कर फ़ैसला लेने वाला है। क्योंकि निलंबन का फैसला स्पीकर ने लिया है ऐसी स्थिति में सरकार के पास ये विकल्प है कि स्पीकर से निलंबन वापस लेने का अनुरोध करे।
सूत्र के मुताबिक़ निलंबन के खिलाफ जिस तरह से विपक्ष एकजुट हो गया है उससे सरकार ऐसा सोचने को मजबूर हुई है। यहां तक कि समाजवादी पार्टी जो कि सुषमा-वसुंधरा-शिवराज के इस्तीफ़े के मुद्दे पर कांग्रेस के बिल्कुल साथ नहीं थी वो भी निलंबन के विरोध में कांग्रेस के साथ खड़ी हो गई है। वो भी इस हद तक कि समाजवादी पार्टी के सांसद आज कांग्रेस के प्रदर्शन में भी हिस्सा लेने पहुंच गए। निलंबन के फैसले के खिलाफ टीएमसी-आरजेडी-जेडीयू समेत छोटी बड़ी क़रीब नौ पार्टियां कांग्रेस के साथ लोकसभा का 5 दिनों के लिए बहिष्कार कर रही हैं।
निलंबन का फैसला वापस लेने का अनुरोध समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव की तरफ से किया गया है। हालांकि स्पीकर ने इसे फौरी तौर पर नहीं माना जिसके बाद मुलायम स्पीकर से नाराज़ नज़र आए। सरकार मुलायम की पहल का फायदा उठा कर कांग्रेस की तरफ टकराव समाप्ति का हाथ बढ़ा सकती है।
सूत्र ये भी बताते हैं कि मुलायम को कांग्रेस से बात कर उसका मन टटोलने की ज़िम्मेदारी दी गई है।
निलंबन सरकार की तरफ से किसी प्रस्ताव के ज़रिए नहीं हुआ है इसलिए ये सरकार के लिए क़दम वापस खींचने जैसा नहीं माना जाएगा। बल्कि स्पीकर से फैसला बदलने का अनुरोध कर और फिर ऐसा करा कर सरकार अपनी एक अच्छी छवि पेश करने की कोशिश कर सकती है।
लोकसभा के वेल में तख़्तियां लेकर घुसने और हंगामा करने को संसदीय कानून का उल्लंघन बताते हुए सोमवार को स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस के 25 सांसदों को 5 दिनों के लिए निलंबित कर दिया था। उसके बाद से कांग्रेस और बीजेपी के बीच बयानों की तीखी नोंक झोंक जारी है। लेकिन सरकार अगर बीच का कोई रास्ता निकाल पाती है तो ये उसके लिए एक क़ामयाबी होगी।
सूत्र के मुताबिक़ निलंबन के खिलाफ जिस तरह से विपक्ष एकजुट हो गया है उससे सरकार ऐसा सोचने को मजबूर हुई है। यहां तक कि समाजवादी पार्टी जो कि सुषमा-वसुंधरा-शिवराज के इस्तीफ़े के मुद्दे पर कांग्रेस के बिल्कुल साथ नहीं थी वो भी निलंबन के विरोध में कांग्रेस के साथ खड़ी हो गई है। वो भी इस हद तक कि समाजवादी पार्टी के सांसद आज कांग्रेस के प्रदर्शन में भी हिस्सा लेने पहुंच गए। निलंबन के फैसले के खिलाफ टीएमसी-आरजेडी-जेडीयू समेत छोटी बड़ी क़रीब नौ पार्टियां कांग्रेस के साथ लोकसभा का 5 दिनों के लिए बहिष्कार कर रही हैं।
निलंबन का फैसला वापस लेने का अनुरोध समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव की तरफ से किया गया है। हालांकि स्पीकर ने इसे फौरी तौर पर नहीं माना जिसके बाद मुलायम स्पीकर से नाराज़ नज़र आए। सरकार मुलायम की पहल का फायदा उठा कर कांग्रेस की तरफ टकराव समाप्ति का हाथ बढ़ा सकती है।
सूत्र ये भी बताते हैं कि मुलायम को कांग्रेस से बात कर उसका मन टटोलने की ज़िम्मेदारी दी गई है।
निलंबन सरकार की तरफ से किसी प्रस्ताव के ज़रिए नहीं हुआ है इसलिए ये सरकार के लिए क़दम वापस खींचने जैसा नहीं माना जाएगा। बल्कि स्पीकर से फैसला बदलने का अनुरोध कर और फिर ऐसा करा कर सरकार अपनी एक अच्छी छवि पेश करने की कोशिश कर सकती है।
लोकसभा के वेल में तख़्तियां लेकर घुसने और हंगामा करने को संसदीय कानून का उल्लंघन बताते हुए सोमवार को स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस के 25 सांसदों को 5 दिनों के लिए निलंबित कर दिया था। उसके बाद से कांग्रेस और बीजेपी के बीच बयानों की तीखी नोंक झोंक जारी है। लेकिन सरकार अगर बीच का कोई रास्ता निकाल पाती है तो ये उसके लिए एक क़ामयाबी होगी।
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