प्रतीकात्मक फोटो
मुंबई:
मुंबई में मंगलवार को बीएमसी ने एक प्रस्ताव पारित करते हुए सभी बीएमसी स्कूलों में सूर्य नमस्कार को अनिवार्य कर दिया. दैनिक प्रार्थना के साथ-साथ सूर्य नमस्कार भी अब बच्चों की दिनचर्या का हिस्सा रहेगा. अब से मुम्बई के सभी म्यूनिसिपल स्कूलों के बच्चे प्रार्थना के साथ सूर्य नमस्कार भी करेंगे. करीब 3 घंटे चली बीएमसी सदन की बहस के बाद प्रस्ताव बहुमत से पास हो गया. यह मामला तब सामने आया जब बीजेपी पार्षद ने बीएमसी स्कूलों में सूर्य नमस्कार और योग को अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा.
प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाली भाजपा पार्षद समिता काम्बले ने कहा कि सूर्य नमस्कार और योग बच्चों की मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए बहुत अच्छा है, और इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यह प्रस्ताव प्रस्तुत किया.
कांग्रेस, एनसीपी समाजवादी पार्टी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने प्रस्ताव का विरोध किया और कहा कि इससे धार्मिक भावनाएं आहत होंगी.
समाजवादी पार्टी के रईस शेख़ ने कहा कि सूर्यनमस्कार एक धर्म विशेष के तहत सूर्य की वंदना है. इसे अनिवार्य करना यानी हर धर्म के बच्चों पर इसे थोपने जैसा है. इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी. इस तरह की चीज़ें थोपी जाना लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है."
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के संदीप देशपांडे ने कहा कि यह सिर्फ़ पोलराइज़ेशन की कोशिश है. सूर्य नमस्कार के नाम पर राजनीति की जा रही है, लेकिन जनता अब मूर्ख नहीं बनने वाली."
भारी विरोध और हंगामे के बीच सेना और बीजेपी के मतों से प्रस्ताव पारित हुआ, लेकिन यह तय है कि आने वाले दिनों में इसका विरोध बढ़ेगा. बीएमसी स्कूलों की दशा हमेशा से दयनीय रही है. कहीं जर्जर पड़ी इमारतें हैं तो कहीं पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं होते. कभी ड्रॉप आउट रेश्यो बहुत ज्यादा होता है तो कभी किताबें और रेनकोट जैसी ज़रूरत की चीज़ें नहीं होतीं. लेकिन आज बच्चों की इन समस्याओं पर सूर्य नमस्कार पर हो रही राजनीति कई गुना ज्यादा भारी पड़ी.
प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाली भाजपा पार्षद समिता काम्बले ने कहा कि सूर्य नमस्कार और योग बच्चों की मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए बहुत अच्छा है, और इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यह प्रस्ताव प्रस्तुत किया.
कांग्रेस, एनसीपी समाजवादी पार्टी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने प्रस्ताव का विरोध किया और कहा कि इससे धार्मिक भावनाएं आहत होंगी.
समाजवादी पार्टी के रईस शेख़ ने कहा कि सूर्यनमस्कार एक धर्म विशेष के तहत सूर्य की वंदना है. इसे अनिवार्य करना यानी हर धर्म के बच्चों पर इसे थोपने जैसा है. इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी. इस तरह की चीज़ें थोपी जाना लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है."
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के संदीप देशपांडे ने कहा कि यह सिर्फ़ पोलराइज़ेशन की कोशिश है. सूर्य नमस्कार के नाम पर राजनीति की जा रही है, लेकिन जनता अब मूर्ख नहीं बनने वाली."
भारी विरोध और हंगामे के बीच सेना और बीजेपी के मतों से प्रस्ताव पारित हुआ, लेकिन यह तय है कि आने वाले दिनों में इसका विरोध बढ़ेगा. बीएमसी स्कूलों की दशा हमेशा से दयनीय रही है. कहीं जर्जर पड़ी इमारतें हैं तो कहीं पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं होते. कभी ड्रॉप आउट रेश्यो बहुत ज्यादा होता है तो कभी किताबें और रेनकोट जैसी ज़रूरत की चीज़ें नहीं होतीं. लेकिन आज बच्चों की इन समस्याओं पर सूर्य नमस्कार पर हो रही राजनीति कई गुना ज्यादा भारी पड़ी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं