नई दिल्ली:
देशभर के स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन बनाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने को तैयार हो गया है. कोर्ट इस याचिका पर 15 सितंबर को सुनवाई करेगा. वकील आभा शर्मा व अन्य वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इस याचिका में कहा गया है कि रेयान की घटना के बाद से देशभर के अभिभावकों में डर का माहौल है. बच्चों की सुरक्षा के लिए जो पॉलिसी तैयार की गई है, ज्यादातर स्कूल उसका पालन नहीं करते. सुप्रीम कोर्ट आदेश जारी करे कि इनका सही तरह से पालन हो. इसके अलावा देशभर में बच्चों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त गाइडलाइन बनाई जाए. याचिका में यह भी कहा गया है कि जो पहले से ही जो दिशा-निर्देश बनाए गए हैं अगर कोई स्कूल उनका पालन नहीं करता तो उन स्कूलों का लाइसेंस रद्द किया जाना चाहिए.
सहारा-सेबी विवाद : सहारा का दावा, केवल 8657 रुपये करोड़ बाकी, दो महीने का वक्त मांगा
गौरतलब है कि सोमवार को ही गुडगांव के रेयॉन इंटरनेशनल में छात्र प्रद्युम्न की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार, हरियाणा के डीजीपी, सीबीआई और सीबीएसई को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. प्रद्युम्न के पिता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ही नोटिस जारी किया है. कोर्ट में अब तीन हफ्ते बाद सुनवाई होगी.
जेपी एसोसिएट्स 27 अक्टूबर तक 2000 करोड़ रुपए जमा करे : सुप्रीम कोर्ट
प्रद्युम्न के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से फ्री एंड फेयर और फुलप्रूफ जांच कराई जाए. देश के सभी स्कूलों के मैनेजमेंट की जवाबदेही, देनदारी और जिम्मेदारी तय की जाए. भविष्य में स्कूल के भीतर बच्चों के साथ किसी भी तरह की घटना होती हैं तो मैनेजमेंट, डायरेक्टर, प्रिंसिपल, प्रमोटर सबके खिलाफ लापरवाही बरतने के आरोप के तहत कार्रवाई हो.
सात सांसदों और 98 विधायकों की संपत्ति बेतहाशा बढ़ी, सुप्रीम कोर्ट में CBDT ने माना
याचिका में यह भी कहा गया है कि इस तरह की घटना होने से स्कूल की मान्यता या लाइसेंस रद्द की जाए. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमीशन बनाया जाए जो स्कूलों को लेकर सिफारिश दे. प्रद्युम्न के परिवार के सुरक्षा सुनिश्चित करने लिए कोर्ट दिशा निर्देश जारी करें. स्कूलों में इस तरह की होने वाली घटनाओं पर सुनवाई के लिए एक स्वतंत्र संवैधानिक बॉडी या ट्रिब्यूनल का गठन किया जाए. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमीशन या कमेटी बनाई जाए जो स्कूलों में सुरक्षा को लेकर सिफारिश दे. इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र और निष्पक्ष सीबीआई से जांच कराई जाए.
पिता का कहना है कि एसआईटी की जांच सिर्फ स्कूल की लापरवाही पर है, लेकिन इस हत्या का सच सामने नहीं आया कि बच्चे की हत्या के पीछे कौन है और उसे क्यों मारा? इस मामले का कोई भी आरोपी बचना नहीं चाहिए. वहीं प्रद्युम्न के पिता के मीडिया से कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि कंडक्टर के पास हथियार हो और टॉयलेट में मौजूद हो?
सहारा-सेबी विवाद : सहारा का दावा, केवल 8657 रुपये करोड़ बाकी, दो महीने का वक्त मांगा
गौरतलब है कि सोमवार को ही गुडगांव के रेयॉन इंटरनेशनल में छात्र प्रद्युम्न की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार, हरियाणा के डीजीपी, सीबीआई और सीबीएसई को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. प्रद्युम्न के पिता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ही नोटिस जारी किया है. कोर्ट में अब तीन हफ्ते बाद सुनवाई होगी.
जेपी एसोसिएट्स 27 अक्टूबर तक 2000 करोड़ रुपए जमा करे : सुप्रीम कोर्ट
प्रद्युम्न के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से फ्री एंड फेयर और फुलप्रूफ जांच कराई जाए. देश के सभी स्कूलों के मैनेजमेंट की जवाबदेही, देनदारी और जिम्मेदारी तय की जाए. भविष्य में स्कूल के भीतर बच्चों के साथ किसी भी तरह की घटना होती हैं तो मैनेजमेंट, डायरेक्टर, प्रिंसिपल, प्रमोटर सबके खिलाफ लापरवाही बरतने के आरोप के तहत कार्रवाई हो.
सात सांसदों और 98 विधायकों की संपत्ति बेतहाशा बढ़ी, सुप्रीम कोर्ट में CBDT ने माना
याचिका में यह भी कहा गया है कि इस तरह की घटना होने से स्कूल की मान्यता या लाइसेंस रद्द की जाए. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमीशन बनाया जाए जो स्कूलों को लेकर सिफारिश दे. प्रद्युम्न के परिवार के सुरक्षा सुनिश्चित करने लिए कोर्ट दिशा निर्देश जारी करें. स्कूलों में इस तरह की होने वाली घटनाओं पर सुनवाई के लिए एक स्वतंत्र संवैधानिक बॉडी या ट्रिब्यूनल का गठन किया जाए. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमीशन या कमेटी बनाई जाए जो स्कूलों में सुरक्षा को लेकर सिफारिश दे. इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र और निष्पक्ष सीबीआई से जांच कराई जाए.
पिता का कहना है कि एसआईटी की जांच सिर्फ स्कूल की लापरवाही पर है, लेकिन इस हत्या का सच सामने नहीं आया कि बच्चे की हत्या के पीछे कौन है और उसे क्यों मारा? इस मामले का कोई भी आरोपी बचना नहीं चाहिए. वहीं प्रद्युम्न के पिता के मीडिया से कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि कंडक्टर के पास हथियार हो और टॉयलेट में मौजूद हो?
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं