वाघा बॉर्डर:
तीन दशक बाद गुरुवार सुबह लाहौर की कोट लखपत जेल से रिहा हुए भारतीय कैदी सुरजीत सिंह ने कहा है कि भारत-पाकिस्तान सीमा के दोनों ओर के कैदियों को रिहा किया जाना चाहिए।
जेल के बाहर संवाददाताओं से पंजाबी में बात करते हुए सुरजीत ने कहा कि उन्हें जासूसी के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था और अब वह कभी भी पाकिस्तान नहीं लौटेंगे क्योंकि हो सकता है कि उन्हें दोबारा किसी अपराध में आरोपी बना दिया जाए।
जब 69 वर्षीय सुरजीत जेल से बाहर आए तो वहां कई रिपोर्टर अपने कैमरे लिए साक्षात्कार के लिए उनका इंतजार कर रहे थे। वह 30 साल से भी लम्बी अवधि के बाद रिहा हुए हैं।
सुरजीत ने कहा कि वह भारतीय पंजाब की अटारी सीमा में बेसब्री से उनका इंतजार कर रहे अपने परिवार से मिलने के लिए बेताब हैं।
उनकी उम्रकैद की सजा 2005 में पूरी हो गई थी।
जेल के बाहर संवाददाताओं से पंजाबी में बात करते हुए सुरजीत ने कहा कि उन्हें जासूसी के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था और अब वह कभी भी पाकिस्तान नहीं लौटेंगे क्योंकि हो सकता है कि उन्हें दोबारा किसी अपराध में आरोपी बना दिया जाए।
जब 69 वर्षीय सुरजीत जेल से बाहर आए तो वहां कई रिपोर्टर अपने कैमरे लिए साक्षात्कार के लिए उनका इंतजार कर रहे थे। वह 30 साल से भी लम्बी अवधि के बाद रिहा हुए हैं।
सुरजीत ने कहा कि वह भारतीय पंजाब की अटारी सीमा में बेसब्री से उनका इंतजार कर रहे अपने परिवार से मिलने के लिए बेताब हैं।
उनकी उम्रकैद की सजा 2005 में पूरी हो गई थी।
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