
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के आतकंवादी प्रशिक्षण ठिकानों पर भारतीय वायुसेना के हवाई हमले पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि है. मोहन भागवत ने कहा कि वायुसेना की एयर स्ट्राइक से पुलवामा के शहीदों की 13वीं का श्राद्ध अच्छे से संपन्न हुआ. गौरतलब है कि 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद ने ही जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर आत्मघाती विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी.
भागवत ने महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के विचारों को याद किया कि भारत को शक्तिशाली बनने की जरूरत है, क्योंकि बिना शक्ति के कोई उसकी नहीं सुनेगा. 'आज सावरकर जी के स्मृति दिन हम उन्हें याद कर रहे हैं और इसी दिन पुलवामा के शहीदों की तेरहवीं का श्राद्ध अच्छी तरीके से हुआ. बता दें कि भागवत कम्प्यूटर वैज्ञानिक विजय भाटकर के सम्मान कार्यक्रम में बोल रहे थे, जिन्हें स्वतंत्र्य वीर सावरकर गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
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उन्होंने कहा, "हमें सच बोलने के लिये शक्ति की आवश्यकता नहीं है, लेकिन दुनिया वैसी नहीं है. वह सिर्फ शक्ति को ही समझती है. इसलिये अगर हम दुनिया को अपना आध्यात्म, सत्य और अहिंसा दिखाना चाहते हैं तो हमें शस्त्र संपन्न और ‘शक्ति संपन्न' बनने की आवश्यकता है."
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बता दें कि भारत ने मंगलवार को सूर्य की किरण उगने से से पहले बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर को तबाह कर दिया जिसमें लगभग 300 आतंकवादी और उनके प्रशिक्षक मारे गए. पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद इन आतंकवादियों को उनकी सुरक्षा के लिए इस शिविर में भेजा था. करीब 20 मिनट से भी कम समय में अंजाम दिया गया भारतीय वायुसेना का यह हमला अत्यंत त्वरित और सटीक था.
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