हैदराबाद:
तेलंगाना के करीमनगर जिले के एक स्कूल में लड़के-लड़कियां अपने पेट पर लगे एक निशान को लाइन से दिखा रहे हैं। इनमें से 30 से ज्यादा बच्चों का अपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ है और इनमें से कुछ की उम्र तो छह साल है। आठवीं क्लास का मनोज एक सरकारी स्कूल में पढ़ता है, उसने बताया कि जब उसके पेट में दर्द हुआ तो उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया। वहां से उसे सर्जरी के लिए एक क्लिनिक में रेफर किया गया जहां ऑपरेशन के 20 हज़ार रुपए लगे। मनोज की ही तरह जिले के कई बच्चों को पेट दर्द होते ही सीधे ऑपरेशन की टेबल पर लेटा दिया जाता है।
चौबीस घंटे के अंदर यह सर्जरी कर दी जाती हैं, कई बार तो बिना किसी जांच और बिना किसी एनेसथिटिस्ट (ऑपरेशन के दौरान बेहोशी की दवा के विशेषज्ञ) की मौजूदगी के यह सर्जरी कर दी जाती है। करीमनगर के पुलिस प्रमुख जोएल डेविस ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा 'यह एक शेड की तरह है जहां सर्जरी के लिए बिल्कुल भी मुनासिब सुविधाएं नहीं है। मरीज़ को बेहोशी का इंजेक्शन लगाने का काम भी सर्जन ही करता है।'
सर्जरी के निशान
कई स्कूली बच्चों के पेट पर सर्जरी के निशान की शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले की जांच करना शुरू किया। जांच अधिकारी राजशेखर राजू कहते हैं 'हम चकित रह गए। कई स्कूलों में, दूसरी से लेकर दसवीं तक, करीब 30-40-50 बच्चों के अपेंडिक्स के ऑपरेशन हो चुके हैं।' ज्यादातर मरीजों ने दो डॉक्टरों के नाम बताए जिन्हें इस हफ्ते गिरफ्तार कर लिया गया। थट्टीपामुला सुरेश ने करीब 300 सर्जरी की हैं और मनोज ने पिछले साल 100 बच्चों का अपेंडिक्स ऑपरेशन किया है। दोनों डॉक्टरों की इस धांधली का काम फल फूल रहा था और सुरेश ने पिछले साल अपना दूसरा क्लिनिक भी खोल लिया था जिसका पंजीकरण भी नहीं हुआ है।
यह डॉक्टर हर प्रक्रिया के करीब 25 हज़ार रुपए लेते हैं और आरोप है कि उन्होंने स्थानीय डॉक्टरों से सांठ-गांठ कर ली थी कि जो भी मरीज़ पेट दर्द की शिकायत लेकर आए, उसे इमरजेंसी केस कहकर क्लिनिक पर भेज दिया जाए।
मूट्टापल्ली गांव की सात्म्मा कहती हैं कि वह पहली बार जगतियाल क्लिनिक गई तो उसका गर्भाशय निकाल लिया गया और फिर अपेंडिक्स का ऑपरेशन कर दिया गया। उसके गांव की करीब 350 महिलाओं के गर्भाशयों को निकाल दिया गया है और 40 बच्चों की सर्जरी कर दी गई। जिला मेडिकल और स्वास्थय अधिकारी ने डिविज़न के 47 हज़ार लोगों पर एक सैंपल सर्वे किया जिसमें पता चला कि पिछले पांच सालों में 583 अपेंडिक्स के ऑपरेशन किए जा चुके हैं।
चौबीस घंटे के अंदर यह सर्जरी कर दी जाती हैं, कई बार तो बिना किसी जांच और बिना किसी एनेसथिटिस्ट (ऑपरेशन के दौरान बेहोशी की दवा के विशेषज्ञ) की मौजूदगी के यह सर्जरी कर दी जाती है। करीमनगर के पुलिस प्रमुख जोएल डेविस ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा 'यह एक शेड की तरह है जहां सर्जरी के लिए बिल्कुल भी मुनासिब सुविधाएं नहीं है। मरीज़ को बेहोशी का इंजेक्शन लगाने का काम भी सर्जन ही करता है।'
सर्जरी के निशान
कई स्कूली बच्चों के पेट पर सर्जरी के निशान की शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले की जांच करना शुरू किया। जांच अधिकारी राजशेखर राजू कहते हैं 'हम चकित रह गए। कई स्कूलों में, दूसरी से लेकर दसवीं तक, करीब 30-40-50 बच्चों के अपेंडिक्स के ऑपरेशन हो चुके हैं।' ज्यादातर मरीजों ने दो डॉक्टरों के नाम बताए जिन्हें इस हफ्ते गिरफ्तार कर लिया गया। थट्टीपामुला सुरेश ने करीब 300 सर्जरी की हैं और मनोज ने पिछले साल 100 बच्चों का अपेंडिक्स ऑपरेशन किया है। दोनों डॉक्टरों की इस धांधली का काम फल फूल रहा था और सुरेश ने पिछले साल अपना दूसरा क्लिनिक भी खोल लिया था जिसका पंजीकरण भी नहीं हुआ है।
यह डॉक्टर हर प्रक्रिया के करीब 25 हज़ार रुपए लेते हैं और आरोप है कि उन्होंने स्थानीय डॉक्टरों से सांठ-गांठ कर ली थी कि जो भी मरीज़ पेट दर्द की शिकायत लेकर आए, उसे इमरजेंसी केस कहकर क्लिनिक पर भेज दिया जाए।
मूट्टापल्ली गांव की सात्म्मा कहती हैं कि वह पहली बार जगतियाल क्लिनिक गई तो उसका गर्भाशय निकाल लिया गया और फिर अपेंडिक्स का ऑपरेशन कर दिया गया। उसके गांव की करीब 350 महिलाओं के गर्भाशयों को निकाल दिया गया है और 40 बच्चों की सर्जरी कर दी गई। जिला मेडिकल और स्वास्थय अधिकारी ने डिविज़न के 47 हज़ार लोगों पर एक सैंपल सर्वे किया जिसमें पता चला कि पिछले पांच सालों में 583 अपेंडिक्स के ऑपरेशन किए जा चुके हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
तेलंगाना, करीमनगर जिला, बच्चों का अपेंडिक्स का ऑपरेशन, डॉक्टरों की धांधली, गर्भाशय, Telangana, Karimnagar District, Appendicitis Surgeries, Uterus Removal