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This Article is From May 09, 2017

पटना की HIV पीड़ित गर्भवती महिला का गर्भपात नहीं होगा, 26 हफ्ते का हो चुका है भ्रूण : सुप्रीम कोर्ट

पटना की एक असहाय और HIV पीड़ित 35 साल की महिला के 26 हफ्ते के भ्रूण का गर्भपात नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने एम्स के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर फैसला सुना दिया है.

पटना की HIV पीड़ित गर्भवती महिला का गर्भपात नहीं होगा, 26 हफ्ते का हो चुका है भ्रूण : सुप्रीम कोर्ट
पटना की HIV पीड़ित महिला के गर्भपात को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
एम्स के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर सुनाया फैसला
बिहार सरकार करवाएगी पीड़िता का इलाज
मामले में हुई देरी के लिए बिहार सरकार को फटकार
पटना:

पटना की एक असहाय और HIV पीड़ित 35 साल की महिला के 26 हफ्ते के भ्रूण का गर्भपात नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने एम्स के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने बिहार सरकार को रेप विक्टिम फंड से चार हफ्ते के भीतर पीड़िता को तीन लाख रुपये देने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि महिला के इलाज का सारा खर्च बिहार सरकार उठाएगी और इलाज पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में होगा.

दिल्ली का एम्स महिला के लिए ट्रीटमेंट ड्राफ्ट बनाकर देगा ताकि होने वाले बच्चे को HIV से बचाया जा सके. कोर्ट महिला के मामले में हुई देरी पर भी बिहार सरकार द्वारा मुआवजा तय करेगा. महिला की ओर से हलफनामा दाखिल होगा और बिहार सरकार इसका जवाब देगी. इस मामले में अगली सुनवाई 9 अगस्त को होगी.

एम्स के मेडिकल बोर्ड ने रिपोर्ट में कहा है कि महिला का गर्भपात करने में खतरा है और अब बच्चे को जन्म दिया जाना चाहिए, हालांकि ये ट्रीटमेंट किया जा सकता है कि बच्चे को एड्स ट्रांसमिट ना हो. वहीं महिला की ओर से कहा गया कि अब महिला का गर्भ 27 हफ्ते का हो गया है.यह सब बिहार सरकार की लापरवाही से हुआ है.

सुप्रीम कोर्ट को यह देखना था कि पटना की HIV पीड़ित 35 साल की महिला के 26 हफ्ते के भ्रूण का क्या गर्भपात हो सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने 4 मई को इसके लिए केंद्र की मदद से महिला को हवाई जहाज के जरिए एम्स में लाकर मेडिकल बोर्ड से जांच करा कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि यहां एक मामला है जहां एक महिला 
गंभीर बीमारी से पीड़ित है और असहाय है. ऐसे में उसकी जान को बचाने के लिए हर संभव कोशिश की जानी चाहिए.

दरअसल पटना की सड़कों पर रहने वाली 35 साल की महिला के साथ रेप हुआ था. रेप की वजह से वह गर्भवती हो गई थी और बाद में उसे पटना के एक NGO के यहां रखा गया. मेडिकल जांच में पता चला कि वह गर्भवती है तो पटना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई. हाईकोर्ट ने सरकारी डॉक्टरों का मेडिकल बोर्ड बनाया, जिसने रिपोर्ट में कहा कि इसके लिए मेजर सर्जरी करनी पड़ सकती है. हाईकोर्ट ने गर्भपात की इजाजत देने से इंकार कर दिया और महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. महिला को उसके पति ने 12 साल पहले छोड़ दिया था.

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