सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे पर शराब की दुकानों के मामलों में सुप्रीम कोर्ट पंजाब, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु सहित दूसरे राज्यों की अर्जी पर सुनवाई को तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बुधवार को उनकी याचिका पर सुनवाई होगी. राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कोर्ट के फैसले में मॉडिफिकेशन की मांग की है.
क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि हाईवे से 500 मीटर तक शराब की दुकानें नहीं होंगी. इनके पास लाइसेंस हैं वो खत्म होने तक या 31 मार्च 2017 तक जो पहले हों, तक चल सकेंगी. 1 अप्रैल 2017 तक सब दुकानें बंद होंगी. शराब की दुकानों के लाइसेंसों का नवीनीकरण नहीं होगा. हाइवे के किनारे लगे शराब के सारे विज्ञापन और साइन बोर्ड हटाए जाएं. राज्यों के चीफ सेक्रेट्री और डीजीपी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कराने की निगरानी करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर फैसला सुनाया जिसमें गुहार की गई थी कि उत्पाद कानून में संशोधन करने का निर्देश दिया जाए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि हाइवे के किनारे शराब की बिक्री न हो. हर वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह राष्टीय और राज्य राजमार्गों के किनारे शराब के ठेके बंद करने का आदेश दे सकती है.
क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि हाईवे से 500 मीटर तक शराब की दुकानें नहीं होंगी. इनके पास लाइसेंस हैं वो खत्म होने तक या 31 मार्च 2017 तक जो पहले हों, तक चल सकेंगी. 1 अप्रैल 2017 तक सब दुकानें बंद होंगी. शराब की दुकानों के लाइसेंसों का नवीनीकरण नहीं होगा. हाइवे के किनारे लगे शराब के सारे विज्ञापन और साइन बोर्ड हटाए जाएं. राज्यों के चीफ सेक्रेट्री और डीजीपी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कराने की निगरानी करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर फैसला सुनाया जिसमें गुहार की गई थी कि उत्पाद कानून में संशोधन करने का निर्देश दिया जाए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि हाइवे के किनारे शराब की बिक्री न हो. हर वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह राष्टीय और राज्य राजमार्गों के किनारे शराब के ठेके बंद करने का आदेश दे सकती है.
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