
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के राधानगरी वन्यजीव अभयारण्य के पास अवैध खनन रोकने के लिए राज्य सरकार की उदासीनता पर महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को तलब किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कई अवसरों के बावजूद राज्य सभी खनन गतिविधियों को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में अपनी स्थिति पर स्पष्ट नहीं कर पाई और अवैध खनन पर रोक लगाने में भी नाकाम रही. साथ ही सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि अप्रैल में यह स्पष्ट करने के बावजूद कि राज्य सरकार उन खनिकों के खिलाफ कार्रवाई करेगी जिन्होंने राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से अनुमोदन नहीं लिया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नही हुई.
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महाराष्ट्र सरकार ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की. सुप्रीम कोर्ट ने 2 नवम्बर को मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया कि उन क्षेत्रों में जहां अवैध खनन हो रहा है और राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड द्वारा कोई मंजूरी नहीं दी गई है, उन्हें "तत्काल प्रभाव" से रोका जाना चाहिए. याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया कि फरवरी में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने महाराष्ट्र सरकार से अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नही हुई.
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