
देशभर में विश्वविद्यालयों-कॉलेजों में परीक्षा कराने को लेकर लगातार बहस चल रही है. सुप्रीम कोर्ट में डिग्री कोर्स में अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने के खिलाफ याचिका डाली गई है, जिसपर शीर्ष अदालत में सुनवाई चल रही है. कोर्ट ने सोमवार को हुई सुनवाई में UGC (University Grants Commission) से परीक्षा रद्द करने या स्थगित करने पर दो दिनों में जवाब मांगा है. UGC का कहना है कि अधिकांश जगहों पर परीक्षाएं हो चुकी हैं या होने वाली हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट आदित्य ठाकरे की अगुवाई में शिवसेना युवा सेना व अन्य छात्रों की विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है. युवा सेना ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत में वर्तमान स्थिति कोविड-19 संकट के कारण बिगड़ रही है और परीक्षा आयोजित करने के लिए अनुकूल नहीं है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की संशोधित गाइडलाइंस और फाइनल ईयर परीक्षाओं को लेकर हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है.
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कोविड-19 के दौर में देश भर के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाओं की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई की है. देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के करीब 31 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर यूजीसी द्वारा 6 जुलाई को जारी की गई संशोधित गाइडलाइंस को रद्द करने की मांग की है.
यूजीसी ने अपनी संशोधित गाइडलाइंस में देश के सभी विश्वविद्यालयों से कहा है कि वे फाइनल ईयर की परीक्षाएं 30 सितंबर से पहले करा लें. छात्रों ने अपनी याचिका में मांग की है कि फाइनल ईयर की परीक्षाएं रद्द होनी चाहिए और छात्रों का रिजल्ट उनके पूर्व के प्रदर्शन के आधार पर जारी किया जाना चाहिए.
Video: सितंबर तक करानी होंगी परीक्षाएं : यूजीसी
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