नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय का स्वागत किया कि सरकार को सभी राष्ट्रीय संसाधनों के आवंटन के लिए नीलामी प्रक्रिया का अनुसरण करने की आवश्यकता नहीं है। सरकार ने कहा कि इस निर्णय से आर्थिक नीति के निर्धारण में सरकार की भूमिका में 'स्पष्टता' आई है।
संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, "सरकार स्पष्टता, खासकर संवैधानिक स्पष्टता के बगैर काम नहीं कर सकती और न्यायालय ने जो निर्णय दिया है, उससे सरकार तथा अन्य संवैधानिक संस्थाओं की भूमिका को लेकर संवैधानिक स्पष्टता आई है।" उन्होंने कहा, "पूर्व में सरकार की भी यही स्थिति थी और अब न्यायालय ने भी यही कहा है।"
सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसएच कपाड़िया की अध्यक्षता वाली न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने सरकार को प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन के दौरान जनहित को ध्यान में रखते हुए प्रक्रिया निर्धारित करने की स्वतंत्रता दी है।
संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, "सरकार स्पष्टता, खासकर संवैधानिक स्पष्टता के बगैर काम नहीं कर सकती और न्यायालय ने जो निर्णय दिया है, उससे सरकार तथा अन्य संवैधानिक संस्थाओं की भूमिका को लेकर संवैधानिक स्पष्टता आई है।" उन्होंने कहा, "पूर्व में सरकार की भी यही स्थिति थी और अब न्यायालय ने भी यही कहा है।"
सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसएच कपाड़िया की अध्यक्षता वाली न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने सरकार को प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन के दौरान जनहित को ध्यान में रखते हुए प्रक्रिया निर्धारित करने की स्वतंत्रता दी है।
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