दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के विस्तार को चुनौती देने वाली सिटीजन्स फॉर ग्रीन दून की याचिका दायर की गई थीं. अब NGT द्वारा गठित 12 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति में सुप्रीम कोर्ट ने बदलाव किया. सुप्रीम कोर्ट ने 12 सदस्य कमेटी के अध्यक्ष को बदल कर DG MoEF CP गोयल कमेटी का अध्यक्ष बनाया, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दो अन्य सदस्यों को इस कमेटी में शामिल किया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि DG MoEF CP जोशी कमेटी की अध्यक्षता करेंगे, डॉ अनिल कुमार जोशी HESCO, विजय धस्माना कमेटी के सदस्य होंगे. याचिकाकर्ता की तरफ से वकील ऋत्विक दत्त ने कुछ नाम को सुझाया जिनमें विभाष पांडव (भारतीय वन्यजीव संस्थान के फैकल्टी), रिटायर्ड जनरल MK सिंह (साइंसटिफिक तरीके से पेड़ों की कटाई में एक्सपर्ट), विजय धस्माना (वनस्पतियों और लुप्त जीवों के विशेषज्ञ) का नाम सुझाया गया था.
आपको बता दें कि NGO सिटीजन फॉर ग्रीन दून ने देहरादून और दिल्ली के बीच NH 72ए के एक हिस्से के लिए गैर-वन उद्देश्यों के लिए वन भूमि के डायवर्जन और चौड़ीकरण और एलिवेटेड कॉरिडोर निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई की वैधता का मुद्दा उठाया है. इसने राष्ट्रीय हरित अधिकरण ( NGT) के आदेश को चुनौती दी है जिसमें दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा परियोजना के लिए दी गई वन मंजूरी की वैधता को बरकरार रखा गया था .
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