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This Article is From Jan 05, 2015

पंचायत शैक्षणिक योग्यता अध्यादेश पर राजस्थान सरकार को मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत

पंचायत शैक्षणिक योग्यता अध्यादेश पर राजस्थान सरकार को मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत
फाइल फोटो
नई दिल्ली:

जिला परिषद और सरपंच चुनाव में शैक्षणिक योग्यता के अध्यादेश पर सोमवार सुबह राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। लेकिन दोपहर होते होते इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर 12 जनवरी तक जवाब मांगा है, हालांकि इस मामले में हाईकोर्ट ने कोई स्टे नहीं दिया यानी चुनावी प्रक्रिया फिलहाल जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार करते हुए हाईकोर्ट में अपील करने के लिए कहा था।

कुछ दिनों पूर्व राजस्थान सरकार ने एक अध्यादेश पास किया था, जिसमें कहा गया था कि जिला परिषद के चुनाव लड़ने के लिए दसवीं पास की योग्यता जरूरी है, जबकि सरपंच के लिए किसी भी उम्मीदवार को आठवीं पास होना चाहिए।

कुछ संगठनों ने इसका पुरजोर विरोध किया है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि यह अध्यादेश असंवैधानिक है और इसे लागू नहीं किया जा सकता। इस अध्यादेश से संविधान द्वारा दिए गए चुनाव लड़ने के अधिकार का हनन हो रहा है। अगर इसे लागू किया जाएगा तो करीब 95 फीसदी महिलाएं अपने हक से वंचित हो जाएंगी, जबकि 80 फीसदी लोग इससे प्रभावित होंगे।

राजस्थान सरकार ने कभी भी राज्य में स्कूलों की बढ़ोतरी या फिर शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया और मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एचएल दत्तू ने कहा कि उन्हें इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाना चाहिए।

याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि नामांकन दाखिल करने की मंगलवार को अंतिम तारीख है और ऐसे में उन्हें कुछ वक्त मिलना चाहिए, लेकिन शीर्ष अदालत ने इससे इनकार कर दिया।
इधर, सरकार की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि इसी तरह की करीब छह याचिकाएं हाईकोर्ट में पहले ही लंबित हैं।

वहीं इसी तरह की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। ये जवाब 12 जनवरी तक हाईकोर्ट में दाखिल करना होगा। लेकिन चुनावी प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने किसी तरह की रोक नहीं लगाई है। मंगलवार को नांमाकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है।

इधर, इस मामले में पूर्व मंत्री सचिन पायलट भी सुप्रीम कोर्ट में मौजूद रहे। इस मामले में साफ है कि कांग्रेस और अन्य संगठन राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे हैं। जाहिर है कि आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति में ये मुद्दा काफी गरमा सकता है।

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