सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने NRC कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला की ओर से दाखिल सीलबंद कवर सुझावों और रिपोर्ट को केंद्र सरकार को देने से इनकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भले ही केंद्र सरकार इस मामले में रुचि रखती हो लेकिन कोर्ट को चीजों को बैलेंस करना है. लिहाजा रिपोर्ट नहीं दी जा सकती. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो लोग नागरिकता के समर्थन में दस्तावेज पेश करने में सफल नहीं हुए हैं, उनके लिए 15 में से 10 दस्तावेज में से कोई एक देने पर नाम शामिल किया जा सकता है.देश की शीर्ष अदालत ने कहा कि सरकार ने जो 15 अतिरिक्त दस्तावेजों की सूची दी है, उसमें से दस दस्तावेजों के सत्यापन की इजाजत दी जा सकती है. वजह कि इन दस्तावेजों के फर्जीवाड़े की गुंजाइश कम है.
असम में NRCसे बाहर 10 फीसदी लोगों का फिर से सत्यापन करने का आदेश
कोर्ट ने कहा कि केंद्र इस मामले में अपना जवाब दाखिल करे, ताकि इसके बाद कोर्ट अपना आदेश जारी करे. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट 19 सितंबर को फिर सुनवाई करेगा.सुप्रीम कोर्ट ने आपत्तियों को दर्ज करने की तारीख को फिर आगे बढ़ाया है. 19 सितंबर को कोर्ट निर्धारित करेगा कि आपत्तियों को कब से दर्ज कराया जाए.वहीं AG के के वेणुगोपाल ने अदालत से यह रिपोर्ट मांगी थी
बता दें कि असम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एनआरसी ड्राफ्ट में शामिल लोगों की दोबारा जांच के लिए दस फीसदी लोगों का सैम्पल सर्वे होना चाहिए. कोर्ट ने सर्वे शुरू करने और उसके खत्म होने की समयसीमा पर राज्य संयोजक से रिपोर्ट मांगी थी.इसके अलावा कोर्ट ने फाइनल एनआरसी में शामिल होने के लिए दिये जाने वाले दावे और आपत्तियों में लीगेसी (पैत्रिकता) बदलने और अतिरिक्त दस्तावेज देने की छूट पर भी सवाल उठाते हुए रिपोर्ट मांगी है. साथ ही कोर्ट ने दावे और आपत्तियां दाखिल करने के लिए तय 30 अगस्त की तिथि फिलहाल आगे के लिए टाल दी है.
NRC कॉरिडनेटर प्रतीक हजेला ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की सील कवर रिपोर्ट
वीडियो-Ground Report: एनआरसी से नदारद लोगों का दर्द
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कोर्ट ने कहा कि केंद्र इस मामले में अपना जवाब दाखिल करे, ताकि इसके बाद कोर्ट अपना आदेश जारी करे. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट 19 सितंबर को फिर सुनवाई करेगा.सुप्रीम कोर्ट ने आपत्तियों को दर्ज करने की तारीख को फिर आगे बढ़ाया है. 19 सितंबर को कोर्ट निर्धारित करेगा कि आपत्तियों को कब से दर्ज कराया जाए.वहीं AG के के वेणुगोपाल ने अदालत से यह रिपोर्ट मांगी थी
बता दें कि असम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एनआरसी ड्राफ्ट में शामिल लोगों की दोबारा जांच के लिए दस फीसदी लोगों का सैम्पल सर्वे होना चाहिए. कोर्ट ने सर्वे शुरू करने और उसके खत्म होने की समयसीमा पर राज्य संयोजक से रिपोर्ट मांगी थी.इसके अलावा कोर्ट ने फाइनल एनआरसी में शामिल होने के लिए दिये जाने वाले दावे और आपत्तियों में लीगेसी (पैत्रिकता) बदलने और अतिरिक्त दस्तावेज देने की छूट पर भी सवाल उठाते हुए रिपोर्ट मांगी है. साथ ही कोर्ट ने दावे और आपत्तियां दाखिल करने के लिए तय 30 अगस्त की तिथि फिलहाल आगे के लिए टाल दी है.
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