
वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के 11 साल पुराने मामले पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को आदेश जारी करेगा कि भूषण के ख़िलाफ़ अवमानना की कार्रवाई जारी रहेगी या नहीं. सन 2009 में एक इंटरव्यू में वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के आठ पूर्व चीफ़ जस्टिसों को भ्रष्ट कहा था. पिछली सुनवाई में भूषण ने 2009 में दिए गए अपने बयान पर खेद जताया था लेकिन बिना शर्त माफ़ी नहीं मांगी थी. भूषण ने कहा कि तब मेरे कहने का तात्पर्य भ्रष्टाचार नहीं था, बल्कि सही तरीक़े से कर्तव्य न निभाना था.
वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ साल 2009 में दर्ज अदालत की अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अंतरिम आदेश सुनाएगा. सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि मामले में वह स्पष्टीकरण को मंजूर करे या अदालत की अवमानना के लिए कार्रवाई आगे बढ़े.
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यह केस भूषण की ओर से तहलका को दिए गए इंटरव्यू को लेकर है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि भारत के 16 मुख्य न्यायाधीशों में से आधे भ्रष्ट थे. प्रशांत भूषण ने इस मामले में कोर्ट में अपना स्पष्टीकरण दिया है जबकि तहलका के संपादक तरुण तेजपाल ने माफी मांगी है.
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