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This Article is From Nov 25, 2016

नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मामला गंभीर, सबकी बात सुना जाना जरूरी

नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मामला गंभीर, सबकी बात सुना जाना जरूरी
नोटबंदी के बाद बैंकों और एटीएम के बाहर लोगों की लाइनें लगी हैं....
नई दिल्ली: नोटबंदी से जुड़े सारे मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट 2 दिसंबर को करेगा. कोर्ट ने कहा कि मामला गंभीर है और सबकी बात सुना जाना जरूरी है. पहले इससे लोगों को हो रही परेशानी को सुना जाएगा. फिर सरकार के इस आदेश की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होगी. उसी दौरान सुप्रीम कोर्ट यह भी तय करेगा कि हाईकोर्ट में चल रहे मामलों को दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर किया जाए या सुप्रीम कोर्ट ही सुने.

याचिकाकर्ता की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि लोग भूखे मर रहे हैं. हालात गंभीर हैं और इस मामले की सुनवाई 29 नवंबर को होनी चाहिए. एक्ट के मुताबिक, सरकार अपने पैसे को बैंक से निकालने पर पाबंदी नहीं लगा सकती.

तो वहीं AG ने इसका विरोध किया और कहा कि हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस किया है. वह मामला 2 दिसंबर को है तो सारे मामले एक साथ सुने जाएंगे.

सुनवाई के बीच दोनों पक्षों के वकीलों के बीच हुए बहस से चीफ जस्टिस ठाकुर ने नाराजगी भी जाहिर की. जस्टिस ठाकुर ने कहा कि यह एक गंभीर मसला है और सभी को कोर्ट की गरिमा को बनाए रखना चाहिए. अगर ये हालात रहे तो मामले को 6 हफ्ते के लिए टाल दिया जाएगा.

गुरुवार को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि देश में काला धन पर काबू पाने के लिए आजादी के बाद पहला बोल्ड कदम है. इससे पहले कभी भी गंभीर कदम नहीं उठाए गए. यह सरकार का एक ठोस प्रयास था, जो 2014 में SIT से गठन से शुरू हुआ. फिर कालाधन को लेकर कानून बनाया गया. विदेशों से संधि की गई और आय संबंधी घोषणा की स्कीम लाई गई और आखिर में नोटबंदी की गई है.

इस आपरेशन को सीक्रेट रखा जाना जरूरी था. अगर इसकी तैयारी की सूचना पहले दी जाती तो पूरा उद्देश्य बेकार हो जाता. सरकार के इस फैसले आतंकवाद फंडिंग और घरेलू हिंसा पर रोक लगेगी. कैशलेस होने से डिजिटल और पारदर्शी अर्थव्यवस्था तैयार होगी.

कैश अर्थव्यवस्था को कम करने की कवायद की जा रही है. लोगों को परेशानी से बचाने के लिए सरकार तमाम कदम उठा रही है. ई-वैलेट के लिए तकनीकी टीम बनाई गई है. घंटे के हिसाब से सरकार हालात पर नजर रखे है. जरूरी सामान को लेकर निगरानी की जा रही है.

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