नई दिल्ली:
मौत की सजा का सामना कर रहे बलवंत सिंह राजोआना पर दया करने के लिए अभियान चलाने के लिए पंजाब सरकार की कार्रवाई की वस्तुत: निंदा करते हुए उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि उसे दिनदहाड़े एक मुख्यमंत्री की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था।
न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की पीठ ने कहा कि एक व्यक्ति को हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया है। मुख्यमंत्री की दिनदहाड़े हत्या की गई थी। ऐसे विरला उदाहरण हैं जहां आतंकवादी कृत्य के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति को राजनैतिक समर्थन मिला है।
पीठ ने राजोआणा की फांसी की सजा के विरोध में सिख संगठनों के आह्वान पर आहूत बंद के दौरान पंजाब में हुई हिंसक घटनाओं पर चिंता जताई। राजोआणा को 31 अगस्त 1995 को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था।
पीठ ने देविंदर पाल सिंह भुल्लर की याचिका पर सुनवाई करने के दौरान कहा, ‘विगत चार दिनों में जो कुछ भी हुआ वो सब बयां कर रहा है। अगर उचित चरण में फैसला किया गया होता तो सरकारी खजाने के करोड़ों रुपये बचाए जा सकते थे। यह सब नाटक है।’
न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की पीठ ने कहा कि एक व्यक्ति को हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया है। मुख्यमंत्री की दिनदहाड़े हत्या की गई थी। ऐसे विरला उदाहरण हैं जहां आतंकवादी कृत्य के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति को राजनैतिक समर्थन मिला है।
पीठ ने राजोआणा की फांसी की सजा के विरोध में सिख संगठनों के आह्वान पर आहूत बंद के दौरान पंजाब में हुई हिंसक घटनाओं पर चिंता जताई। राजोआणा को 31 अगस्त 1995 को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था।
पीठ ने देविंदर पाल सिंह भुल्लर की याचिका पर सुनवाई करने के दौरान कहा, ‘विगत चार दिनों में जो कुछ भी हुआ वो सब बयां कर रहा है। अगर उचित चरण में फैसला किया गया होता तो सरकारी खजाने के करोड़ों रुपये बचाए जा सकते थे। यह सब नाटक है।’
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