यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) प्लेटफॉर्म के तहत एकत्र किए गए डेटा की सुरक्षा से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने यूपीआई प्लेटफार्मों द्वारा एकत्र किए गए डेटा की सुरक्षा के लिए याचिका दाखिल की है और कहा है कि तीसरे पक्ष को इसे नहीं दिया जाना चाहिए. राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम द्वारा जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि गूगल, अमेज़ॅन, फेसबुक और व्हाट्सएप के भारत में ऑपरेटिंग पेमेंट सिस्टम का पालन नहीं कर रहे हैं और UPI प्लेटफार्मों पर कॉरपोरेट द्वारा भारतीय नागरिकों के डेटा का दुरुपयोग किया जा रहा है.
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याचिका में गूगल, अमेज़ॅन, फेसबुक और व्हाट्सएप द्वारा भुगतान सेवाओं के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और भारत के राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के लिए दिशानिर्देश मांगे गए हैं ताकि डेटा के दुरुपयोग से बचाने के लिए नियमों का पालन किया जा सके. विश्वम ने पूछा कि RBI और NPCI UPI दिशानिर्देशों के कथित उल्लंघन के बावजूद इन कंपनियों द्वारा भुगतान सेवाओं की अनुमति कैसे दे सकते हैं.
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याचिकाकर्ता ने दावा किया कि भारतीय रिजर्व बैंक और एनपीसीआई को भारतीय नागरिकों के डेटा की रक्षा करना आवश्यक है और इसके विपरीत, वे विदेशी संस्थाओं को भारत में अपनी भुगतान सेवा संचालित करने की अनुमति देकर लोगों के हितों से समझौता कर रहे हैं.
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