सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
आधार की वैधता मामले पर सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ के समक्ष सुनवाई चल रही है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठ के जज जस्टिस अशोक भूषण ने टिप्पणी की कि 'एक राष्ट्र, एक पहचान में कुछ भी गलत नहीं है यानी आधार के माध्यम से एक पहचान कार्यक्रम. सुप्रीम कोर्ट ने ये उस वक्त कहा जब पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि ऐसा कोई नहीं कह सकता कि अगर मेरे पास आधार नहीं तो मैं भारतीय नहीं हूं.
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कपिल सिब्बल ने कोर्ट से पूछा कि क्या आप कह रहे हैं कि एक देश में एक पहचान या एक देश एक धर्म में कुछ भी गलत नहीं है? इसके जवाब में जस्टिस ए के सीकरी ने कहा कि आप राजनीतिक तर्कों में न जाएं. इसके बाद फिर कपिल सिब्बल ने जवाब दिया कि वह साबित करेंगे कि यह एक कानूनी तर्क है और ये राजनीतिक तर्क नहीं है.
उन्होंने कहा कि अगर मेरे पास आधार नहीं है तो आप मुझे आतंकवादी या राष्ट्र विरोधी नहीं कह सकते. इसके बाद जस्टिस सीकरी ने कहा कि पीएमएलए कानून के तहत माना जाता है कि यदि आप अपनी पहचान साबित नहीं करते हैं तो आप मनी लॉन्डरर हैं.
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इसके बाद सिब्बल ने कहा कि मैं भी एक भारतीय हूं और मुझे सिर्फ आधार नहीं बल्कि पहचान के दूसरे तरीके भी चाहिएं. यानी मैं कहने की कोशिश कर रहा हूं कि सारी शक्ति राज्य को देना खतरनाक है. इस डिजिटल दुनिया में आप मुझे डेटा की हैकिंग के लिए कमजोर बना रहे हैं. राज्य हर रोज आधार मांगता है चाहे वो ट्रेन या हवाई यात्रा के लिए ही क्यों न हो. बता दें कि गुरुवार को भी इस मामले में सुनवाई जारी रहेगी.
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कपिल सिब्बल ने कोर्ट से पूछा कि क्या आप कह रहे हैं कि एक देश में एक पहचान या एक देश एक धर्म में कुछ भी गलत नहीं है? इसके जवाब में जस्टिस ए के सीकरी ने कहा कि आप राजनीतिक तर्कों में न जाएं. इसके बाद फिर कपिल सिब्बल ने जवाब दिया कि वह साबित करेंगे कि यह एक कानूनी तर्क है और ये राजनीतिक तर्क नहीं है.
उन्होंने कहा कि अगर मेरे पास आधार नहीं है तो आप मुझे आतंकवादी या राष्ट्र विरोधी नहीं कह सकते. इसके बाद जस्टिस सीकरी ने कहा कि पीएमएलए कानून के तहत माना जाता है कि यदि आप अपनी पहचान साबित नहीं करते हैं तो आप मनी लॉन्डरर हैं.
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इसके बाद सिब्बल ने कहा कि मैं भी एक भारतीय हूं और मुझे सिर्फ आधार नहीं बल्कि पहचान के दूसरे तरीके भी चाहिएं. यानी मैं कहने की कोशिश कर रहा हूं कि सारी शक्ति राज्य को देना खतरनाक है. इस डिजिटल दुनिया में आप मुझे डेटा की हैकिंग के लिए कमजोर बना रहे हैं. राज्य हर रोज आधार मांगता है चाहे वो ट्रेन या हवाई यात्रा के लिए ही क्यों न हो. बता दें कि गुरुवार को भी इस मामले में सुनवाई जारी रहेगी.
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