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उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में पंजाब में एक लड़की की पिटाई और पटना में शिक्षकों पर पुलिस लाठी चार्ज की घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए पुलिस सुधार के लिए दिए गए निर्देशों पर अमल के बारे में सोमवार को केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों से जवाब तलब किया।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इन घटनाओं के लिए पंजाब और बिहार सरकार को आड़े हाथ लेते हुए उन्हें निहत्थे लोगों के साथ कथित बर्बर रवैया अपनाने के मामले में सात दिन के भीतर हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया।
न्यायाधीशों ने अपने आदेश में कहा, ‘‘गृह मंत्रालय के सचिव के माध्यम से केन्द्र सरकार के साथ ही सभी राज्य सरकारों, केन्द्र शासित प्रदेशों, मुख्य सचिवों, गृह सचिवों और सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों और केन्द्र शासित प्रदेशों में पुलिस आयोगों पुलिस सुधार के बारे में प्रकाश सिंह प्रकरण में दिए गए निर्देशों पर अमल के संबंध में नोटिस जारी किया जाए।’’
न्यायालय ने पंजाब के तरणतारण में लड़की की पुलिस द्वारा कथित पिटाई और बिहार की राजधानी पटना में संविदा शिक्षकों पर लाठी चार्ज के बारे में प्रकाशित मीडिया खबरों का स्वत: ही संज्ञान लेते हुए पिछले सप्ताह ही इन राज्य सरकारों से जवाब मांगा था।
तरणतारण की घटना में चार मार्च को एक ट्रक ड्राइवर और उसके साथियों द्वारा परेशान किए जाने और अभद्र व्यवहार करने की शिकायत करने वाली लड़की की ही पुलिस के जवानों ने कथित रूप से पिटाई कर दी थी।
दूसरी घटना में 5 मार्च को बिहार पुलिस ने पटना में विधानसभा के बाहर नौकरी में नियमित करने और समान वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे संविदा शिक्षकों पर लाठी चार्ज करने के बाद आंसू गैस के गोले दागे थे।
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