सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली दंगा (Delhi Riots) मामले में आरोपी फैजान खान की जमानत रद्द करने की याचिका सोमवार को खारिज कर दी. इस मामले में दिल्ली पुलिस की याचिका खारिज हो गई है. याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत देने के फैसले को चुनौती दी गई थी. 24 अक्तूबर को हाईकोर्ट ने उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में आरोपी फैजान खान को जमानत दे दी थी. पुलिस के पास आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत नहीं होने की स्थिति में यह जमानत दी गई थी. पीठ ने कहा पुलिस का आरोप है कि फैजान ने सीएए के विरोध में जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी के छात्रों को सिम उपलब्ध करवाया थी, जिसके जरिये व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था.
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की एकल पीठ ने आरोपी को जमानत देते हुए कहा था कि पुलिस ने जो आरोप लगाए हैं, उनके तहत कोई ठोस साक्ष्य रिकॉर्ड में नहीं है. पुलिस ने उसके खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया है, लेकिन उसके खिलाफ न ही कोई सीसीटीवी फुटेज मौजूद है और न ही गवाह है. पुलिस का कहना है कि उसने फर्जी आईडी पर सिम दिया. उसने किस मकसद के लिए सिम दिया या क्या उसे पता था कि सिम का प्रयोग किस मकसद के लिए किया जाएगा.
हाईकोर्ट ने पुलिस से पूछा कि क्या इस मामले में उसके पास आरोपी के खिलाफ व्हाट्सएप चेट, मैसेज या अन्य कोई साक्ष्य है? इस पर पुलिस की ओर से कोई जवाब न मिलने पर पीठ ने कहा कि आरोपी के खिलाफ जो आरोप लगाए हैं, उनके समर्थन में कोई ठोस सबूत मौजूद नहीं है. इसलिए आरोपी को न्यायिक हिरासत में नहीं रखा जा सकता है.
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