संसद में सांसदों की कम उपस्थिति को लेकर दी गई एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा है कि वह स्पीकर के पास जाएं. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने और स्पीकर के पास प्रतिनिधित्व करने की इजाजत दी है. गौरतलब है कि संसद में कई बार बड़े मुद्दों पर सांसदों की कम अनुपस्थिति चर्चा में रही है. किसानों और बेरोजगारी के मुद्दों पर सांसदों का रुख हमेशा ठंडा ही रहता है. लेकिन जब किसी ऐसे मुद्दें में जिसमें पार्टी की ओर से व्हिप जारी कर दिया जाता है तो सभी दलों के सांसद हाजिर हो जाते हैं.
आपको बता दें कि 16वीं लोकसभा के कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी भी संसद के दोनों सदनों में पार्टी सदस्यों की उपस्थिति कम रहने और कई बार कोरम पूरा नहीं होने की स्थिति पर नाखुशी जाहिर कर चुके हैं. साल 2017 में आई खबर के मुताबिक पीएम मोदी ने सख्त तेवर दिखाते हुए बीजेपी सांसदों से अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कहा था. सूत्रों के अनुसार अगर सांसद संसद सत्र के दौरान सदन में मौजूद हैं तो उन्हें उपस्थित माना जायेगा और अगर वह लॉबी में हैं तब उन्हें गैर हाजिर माना जायेगा. प्रधानमंत्री अगर दिल्ली से बाहर हैं तब वह किसी अधिकारी के माध्यम से किसी भी सांसद से बात कर सकते हैं. प्रधानमंत्री की यह तल्ख टिप्पणी ऐसे समय में काफी महत्वपूर्ण मानी गई जब लोकसभा में कई मौकों पर कोरम पूरा नहीं होने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.
बीजेपी के गैरहाजिर सांसदों की पीएम मोदी ने ली क्लास
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