सुप्रीम कोर्ट ने टाटा (Tata) विवाद मामले में साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई है. इस मामले की सुनवाई दस दिन बाद होगी. यानि अब आगामी महीने यानि 9 मार्च को इस मामले पर कोर्ट सुनवाई करेगा. दरअसल, साइरस इंवेस्टमेंट ने याचिका में शीर्ष अदालत के 26 मार्च 2021 के फैसले पर फिर से विचार करने की गुहार लगाई गई है जिसमें अदालत ने टाटा समूह (Tata Sons) के पक्ष में फैसला सुनाया था.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 26 मार्च को अपने फैसले में कहा था कि कानून के सभी सवाल टाटा के पक्ष में हैं. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि शेयरों के विवाद को लेकर दोनों पक्ष कानूनी रास्ता अपना सकते हैं. इतना ही नहीं नहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए ये भी कहा था कि साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) को चेयरमैन बनाना रतन टाटा (Ratan Tata) की सबसे बड़ी गलती थी.
इस मामले में पूर्व CJI शरद अरविंद बोबड़े की बेंच ने ये फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट ने साइरस मिस्त्री को टाटा समूह (Tata Group) के कार्यकारी चेयरमैन के पद से हटाने को सही ठहराया है. इसके साथ ही कोर्ट ने मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में बहाल करने के NCLAT के फैसले को रद्द कर दिया है. 18 दिसंबर, 2019 को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में बहाल कर दिया था.
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आपको बता दें कि इस मामले में CJI एन वी रमना (NV Ramana), जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने 15 फरवरी को विचार किया था. हालांकि जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम ने अल्पमत के फैसले में कहा कि पुनर्विचार याचिका खारिज की जाए. 9 मार्च को इस मामले में खुली अदालत में सुनवाई होगी.
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