सुप्रीम कोर्ट ने उन मीडिया रपटों को सकारात्मक करार दिया है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में सरकार बनाने की कोशिश के तहत उप राज्यपाल नजीब जंग सभी राजनीतिक दलों से सलाश-मशविरा करने वाले हैं। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख 11 नवंबर तय की है।
कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) की विधानसभा को भंग कर चुनाव कराने की अपील करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने कहा कि समाचार-पत्रों की रपटें, जिसमें यह बात कही गई है कि उप राज्यपाल नजीब जंग सरकार बनाने की कोशिश के तहत राजनीतिक पार्टियों से बातचीत करेंगे, एक सकारात्मक पहल है।
कोर्ट ने कहा कि हालात ऐसे भी होते हैं कि जिस पार्टी के पास बहुमत नहीं होता, वह बाहर से समर्थन लेकर सरकार बनाती है।
कोर्ट के ऐसा कहने पर आप के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि यह प्रतिनिधि सरकार बनाने के जनता के अधिकार का हनन करने जैसा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार बनाने के लिए जंग को दोबार संभावना तलाशने देने की अनुमति देने पर कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन यह समयबद्ध होना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि यदि जंग असफल रहे और सरकार बनाना मुमकिन नहीं हुआ, तो वह राष्ट्रपति से सलाह ले सकते हैं।
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