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लॉकडाउन में कोरोनावायरस से जंग के दौरान ज़रूरी चीज़ों की किल्लत झेल रहा है भारत : 10 बड़ी बातें

कोरोनावायरस (CoronaVirus) से लड़ने की कवायद के तौर पर शुरू किए गए दुनिया के सबसे बड़े लॉकडाउन में आवश्यक सामग्रियों तथा सेवाओं की आपूर्ति को लेकर चिंता बढ़ गई है.

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कोरोनावायरस लॉकडाउन : केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, राशन की दुकानें खुली रहेंगी...

कोरोनावायरस (CoronaVirus) से लड़ने की कवायद के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार रात को घोषित किया गया सम्पूर्ण लॉकडाउन आधी रात से शुरू हो गया, और दुनिया के सबसे बड़े लॉकडाउन में आवश्यक सामग्रियों तथा सेवाओं की आपूर्ति को लेकर चिंता बढ़ गई है. टेलीविज़न पर प्रसारित राष्ट्र के नाम संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा था, "अगले 21 दिन तक घर से बाहर निकलने के बारे में भूल जाइए..." स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अब तक भारत में कोरोनावायरस के 562 पुष्ट मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से नौ की मौत भी हो चुकी है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेताया है कि अगर कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो संक्रमण फैलने की गति बेहद ज़्यादा बढ़ सकती है.

लॉकडाउन से जुड़ी 10 बड़ी बातें...

  1. आपूर्ति अव्यवस्थित हो जाने की ख़बरों के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से नहीं घबराने का आग्रह किया और कहा कि लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सामान की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सब्ज़ी-विक्रेताओं और रोज़मर्रा की ज़रूरतों का सामान बेचने वालों को ई-पास जारी किए जाएंगे.
  2. मदर डेयरी के फल-सब्ज़ी ब्रांड 'सफल' ने घोषणा की है कि उनके सभी आउटलेट खुले रहेंगे. सफल स्टोर्स ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा, "हमारे स्टोर आधिकारिक रूप से सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे और शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक खुले रहेंगे..."
  3. प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा के बाद बहुत-से राज्यों में लोग दुकानों पर जाकर सामान खरीदते नज़र आए. दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू में ग्रोसरी स्टोरों के पास जमा भीड़ की तस्वीरें भी सामने आई हैं. बहुत जगहों से कीमतें बढ़ा दिए जाने की शिकायतें भी मिलीं.
  4. इस बात को लेकर असमंजस है कि क्या खुलेगा, क्या बंद रहेगा, सो, बहुत-सी दुकानें पुलिस कार्रवाई के डर से बंद हैं. राज्यों ने सीमाओं को बंद कर दिया है, इसलिए दूध, फल-सब्ज़ियां ला रहे ट्रकों की कतारें भी हाईवे पर लगी हुई हैं.
  5. गृह मंत्रालय ने नियम जारी किए हैं, जिनमें राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों से ज़रूरत के सामान की किल्लत से जुड़ी अफवाहों पर बारीक नज़र रखने के लिए कहा गया है.
  6. सरकार ने दिशानिर्देश भी जारी किए हैं, जिनमें कहा गया है कि उचित दर दुकानें (राशन की दुकानों) तथा खाद्य पदार्थ, रोज़मर्रा का सामान, फल, सब्ज़ी, डेयरी उत्पाद, मांस, मछली, पशुचारा आदि बेचने वाली दुकानें खुली रहेंगी.
  7. वॉल्मार्ट इंक के फ्लिपकार्ट ने सेवाएं स्थगित कर दी हैं, और अमेज़ॉन इंडिया की पैन्ट्री सेवाएं (रोज़मर्रा का सामान डिलीवर करने वाली) रोक दी गई हैं. एक समाचार एजेंसी के अनुसार, एक छोटी ऑनलाइन दूध डिलीवरी सर्विस में काम करने वाले और रोज़ाना 150 लिटर दूध और रोज़मर्रा का सामान डिलीवर करने वाले एंथनी थॉमस का कहना था कि उनके नियोक्ता ने उन्हें घर पर रहने के लिए कह दिया है.
  8. उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आवश्यक सामान तथा दवाइयों के लिए लोग एक हेल्पलाइन नबर पर कॉल कर सकते हैं, और घर तक डिलीवरी सुनिश्चित की जाएगी. लेकिन बहुत-से लोगों ने फोन करने पर रूखेपन से बात किए जाने की शिकायत की है.
  9. गुजरात तथा तमिलनाडु जैसे राज्यों से ऐसी तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें दुकानों ने सोशल डिस्टेन्सिंग सुनिश्चित करने की व्यवस्था की है - इन दुकानों ने लाइन में खड़े रहकर इंतज़ार कर रहे ग्राहकों के लिए अलग-अलग दूरी पर खड़े होने की जगह बनाई हैं.
  10. विशेषज्ञों के अनुसार, लॉकडाउन का उद्देश्य कोरोनावायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ देना है, लेकिन 29 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था को बंद कर देने भी व्यापक क्षति हो सकती है, और विशेष रूप से गरीब तबका इससे सबसे ज़्यादा प्रभावित होगी. बेंगलुरू स्थित इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट की आर्थिक विश्लेषण इकाई के प्रमुख मधुर स्वामीनाथन ने कहा, "इस वक्त की ज़रूरत आर्थिक पैकेज है... लोगों से घरों में रहने के लिए कहना ज़रूरी है, लेकिन हमारी आबादी के बड़े हिस्से के लिए वह पर्याप्त नहीं होगा, क्योंकि वे लोग बिना काम किए कमा नहीं नहीं सकते, इसलिए घर पर बैठे नहीं रह सकते..."

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