सुनील जाखड़ ने 'नोटिस' पर नहीं दिया कांग्रेस अनुशासन समिति को जवाब, जल्द होगा कार्रवाई पर फैसला

समिति ने अनुशासनहीनता के आरोपों का सामना कर रहे कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं सुनील जाखड़ और केवी थॉमस को 11 अप्रैल को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था.

सुनील जाखड़ ने 'नोटिस' पर नहीं दिया कांग्रेस अनुशासन समिति को जवाब, जल्द होगा कार्रवाई पर फैसला

सुनील जाखड़ पर पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने वाले बयान देने का आरोप है

नई दिल्‍ली :

कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति अगले कुछ दिनों के भीतर पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar)के खिलाफ कार्रवाई के संदर्भ में निर्णय कर सकती है क्योंकि अनुशासनहीनता के आरोपों पर उनकी ओर से तय अवधि के भीतर कोई जवाब नहीं आया है.समिति ने अनुशासनहीनता के आरोपों का सामना कर रहे कांग्रेस दो वरिष्ठ नेताओं सुनील जाखड़ और केवी थॉमस को गत 11 अप्रैल को कारण बताओ नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था.समिति के सदस्य सचिव और कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर के अनुसार, थॉमस का जवाब मिल गया है लेकिन जाखड़ की तरफ से मंगलवार तक कोई जवाब नहीं आया.

उन्होने कहा, ‘‘एक सप्ताह का समय दिया गया था. उनका (जाखड़) जवाब नहीं आया है. एक-दो दिन में समिति की बैठक होगी और कांग्रेस के संविधान के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.''यह पूछे जाने पर कि क्या जाखड़ का निलंबन या फिर निष्कासन भी हो सकता है, तो अनवर ने कहा, ‘‘कांग्रेस के संविधान के तहत कार्रवाई होगी. इसमें निलंबन या निष्कासन भी हो सकता है. लेकिन अंतिम निर्णय समिति की बैठक में होगा.''गौरतलब है कि सुनील जाखड़ पर विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले बयान देने तथा पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ ‘आपत्तिजनक टिप्पणी' करने का आरोप है. कांग्रेस नेता उदित राज ने पिछले दिनों खुलकर यह मांग की थी कि जाखड़ को पार्टी से निष्कासित किया जाए.

दूसरी तरफ, केरल से ताल्लुक रखने वाले पूर्व सांसद थॉमस पिछले दिनों पार्टी के रुख के खिलाफ जाकर राज्य में सत्तारूढ़ माकपा की एक संगोष्ठी में शामिल हुए थे. केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी. कारण बताओ नोटिस मिलने के बाद थॉमस ने कहा था वह इसका जवाब देंगे. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से बात करने के बाद उन्होंने माकपा के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का फैसला किया था, लेकिन जब पार्टी के भीतर ही उन्हें धमकियां मिलने लगीं, तो उन्होंने शामिल होने का फैसला किया. थॉमस ने यह भी कहा था ‘‘मैं कांग्रेस नहीं छोड़ूंगा. मैं मरते दम तक कांग्रेसी रहूंगा.''

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