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This Article is From Apr 18, 2022

लखीमपुर खीरी केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द

लखीमपुर खीरी केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला रद्द कर दिया है. 

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मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द

नई दिल्ली:

लखीमपुर खीरी केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला रद्द कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़ितों को हर कार्यवाही में सुनवाई का अधिकार है. मौजूदा मामले में पीड़िता को सुनवाई के अधिकार से वंचित किया गया है. हाईकोर्ट ने कई अप्रासंगिक विचारों और अनदेखी मिसालों को ध्यान में रखा है. कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते में आशीष मिश्रा सरेंडर करें.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट नए सिरे से विचार करे. पीड़ित पक्षकारों के वकील दुष्यंत दवे ने आग्रह किया कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से सुप्रीम कोर्ट कहे कि इस बार किसी अन्य पीठ के सामने ये मैटर जाए. सीजेआई ने कहा कि ऐसा आदेश पारित करना उचित नहीं होगा. हमें यकीन है कि वही जज दोबारा इस मामले को सुनना भी नहीं चाहेंगे. 

गौरतलब है कि 16 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और आशीष मिश्रा को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था कि आशीष मिश्रा की जमानत रद्द क्यों न की जाए. सुप्रीम कोर्ट ने गवाह पर हमले के मुद्दे पर भी चिंता जताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर गवाहों की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों पर विस्तृत जवाब मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को सभी गवाहों की सुरक्षा करने का निर्देश दिया था. याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि आशीष मिश्रा को जमानत मिलने के बाद एक प्रमुख संरक्षित गवाह पर बेरहमी से हमला किया गया था और हमलावरों ने धमकी दी थी कि अब जब बीजेपी यूपी चुनाव जीत गई है तो वे उसका " ध्यान" रखेंगे. 

ये भी पढ़ें: दिल्ली जहांगीरपुरी हिंसा : सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, स्वत: संज्ञान लेकर कोर्ट की निगरानी में जांच की अपील

उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 10 फरवरी को मिश्रा को मामले में जमानत दे दी थी. इससे पहले, वह चार महीने तक हिरासत में रहा था. इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे. गौरतलब है कि किसानों का एक समूह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के खिलाफ पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था और तभी लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था. 

इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला और इस हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी.

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