
कांग्रेस सांसदों के आचरण से सुमित्रा महाजन नाराज
नई दिल्ली:
लोकसभा में आसन की ओर कागज फेंकने की घटना के बाद कांग्रेस सदस्यों द्वारा आसन से माफी नहीं मांगे जाने और शोरशराबा जारी रखने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन आज काफी आहत नजर आईं. वहीं संसदीय कार्य मंत्री ने पिछले कुछ दिन से सदन में हंगामा कर रहे कांग्रेस सदस्यों से सख्त लहजे में कहा कि उनका इस प्रकार का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. गो रक्षकों के हमलों तथा अन्य मुद्दों को लेकर हंगामा कर रहे कांग्रेस सदस्यों ने 24 जुलाई को पर्चे फाड़कर आसन की ओर उछाले थे जिसके बाद अध्यक्ष ने छह सदस्यों को सदन की लगातार पांच बैठकों से निलंबित कर दिया था. अध्यक्ष ने इन्हीं मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से लगातार आसन के समक्ष आकर हंगामा कर रहे कांग्रेस सदस्यों से कहा, ‘आप माफी भी नहीं मांगेंगे’और हंगामा भी करेंगे.
पढें: कांग्रेस के 6 सांसद 5 दिन के लिए सस्पेंड, स्पीकर बोलीं- सांसदों की पार्टी देखकर फैसला नहीं करती
इससे पूर्व गोरक्षकों द्वारा कथित रूप से लोगों की पीट पीटकर हत्या किए जाने की हालिया घटनाओं पर चर्चा की मांग कर रहे कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वह पार्टी के सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने का मामला नहीं उठा रहे हैं. उस मामले को तो हमने छोड़ दिया है.
इसी पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि अपने किए की माफी भी नहीं मांग रहे हैं और इस प्रकार से व्यवहार कर रहे हैं. मैं चर्चा के लिये मना नहीं कर रही हूं, लेकिन ये जो कुछ हो रहा है, ये तो पूरे देश को देखना चाहिए. सबको देखने दो.
पढ़ें: जानें मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्यों कहा- सदन में नहीं बोलेंगे तो कहां बोलेंगे
संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने भी कहा, हम पीट पीटकर हत्या किए जाने और उत्पीड़न की घटनाओं पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन जिस प्रकार से कागज की गेंद बनाकर आसन की ओर उछाली गयीं वह असंसदीय है. सभी दलों की ओर से मैं कांग्रेस से आग्रह करता हूं कि उसके नेताओं को सोचना चाहिए, आसन से क्षमा याचना करनी चाहिए. उन्होंने कहा, कांग्रेस सदस्यों को अध्यक्ष के सामने खड़े होकर कहना चाहिए कि हम क्षमाप्रार्थी हैं. केवल निलंबन को वापस लेने की मांग करने से कुछ नहीं होता है. ये सदन प्रजातंत्र का मंदिर है और इस मंदिर की अध्यक्षता स्पीकर मैडम करती हैं जो कि एक महिला हैं और कांग्रेस सदस्यों ने एक महिला पर कागज फाड़ कर फेंके. सदन से बाहर यह आचरण किया होता तो भारतीय दंड संहिता की धारा लग जाती. अनंत कुमार ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. इसी बीच कांग्रेस सदस्यों का हंगामा बढ़ने लगा तो अनंत कुमार ने सख्त लहजे में कहा कि ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसा कहते हुए उन्होंने एक शब्द विशेष का इस्तेमाल किया जिसे अध्यक्ष ने कार्यवाही से निकाले जाने की व्यवस्था दी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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इससे पूर्व गोरक्षकों द्वारा कथित रूप से लोगों की पीट पीटकर हत्या किए जाने की हालिया घटनाओं पर चर्चा की मांग कर रहे कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वह पार्टी के सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने का मामला नहीं उठा रहे हैं. उस मामले को तो हमने छोड़ दिया है.
इसी पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि अपने किए की माफी भी नहीं मांग रहे हैं और इस प्रकार से व्यवहार कर रहे हैं. मैं चर्चा के लिये मना नहीं कर रही हूं, लेकिन ये जो कुछ हो रहा है, ये तो पूरे देश को देखना चाहिए. सबको देखने दो.
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संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने भी कहा, हम पीट पीटकर हत्या किए जाने और उत्पीड़न की घटनाओं पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन जिस प्रकार से कागज की गेंद बनाकर आसन की ओर उछाली गयीं वह असंसदीय है. सभी दलों की ओर से मैं कांग्रेस से आग्रह करता हूं कि उसके नेताओं को सोचना चाहिए, आसन से क्षमा याचना करनी चाहिए. उन्होंने कहा, कांग्रेस सदस्यों को अध्यक्ष के सामने खड़े होकर कहना चाहिए कि हम क्षमाप्रार्थी हैं. केवल निलंबन को वापस लेने की मांग करने से कुछ नहीं होता है. ये सदन प्रजातंत्र का मंदिर है और इस मंदिर की अध्यक्षता स्पीकर मैडम करती हैं जो कि एक महिला हैं और कांग्रेस सदस्यों ने एक महिला पर कागज फाड़ कर फेंके. सदन से बाहर यह आचरण किया होता तो भारतीय दंड संहिता की धारा लग जाती. अनंत कुमार ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. इसी बीच कांग्रेस सदस्यों का हंगामा बढ़ने लगा तो अनंत कुमार ने सख्त लहजे में कहा कि ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसा कहते हुए उन्होंने एक शब्द विशेष का इस्तेमाल किया जिसे अध्यक्ष ने कार्यवाही से निकाले जाने की व्यवस्था दी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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