बिहार पुलिस मान नहीं रही है कि पटना के सिटी एसपी शिवदीप लांडे ने उत्तर प्रदेश पुलिस के एक अधिकारी को जिस तरीके से हिरासत में लिया वह गलत था। हालांकि इस मामले की अधिकारिक जांच पटना के वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक जितेंद्र राणा कर रहे हैं, लेकिन यह रिपोर्ट अगले कुछ दिनों में आ पाएगी।
इस बीच सोमवार को बिहार पुलिस के किसी भी वरिष्ठ अधिकारी ने लांडे के समर्थन में एक शब्द भी नहीं कहा, बल्कि माना कि गिरफ्तारी का जो पूरा नाटक किया गया, उससे बचा जा सकता था।
भविष्य में कोई और पुलिस अधिकारी ऐसी गलती ना दोहराएं इसके लिए सोमवार को एक सर्कुलर भी जारी किया गया, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश डीके बसु के ऐसे मामले के लिए दिए गए दिशानिर्देश को पालन करने की नसिहत भी दी गई। इन दिशानिर्देश के प्रमुख बिंदुओं को देखने से साफ है कि पटना के सिटी एसपी लांडे ने किसी भी बिंदु का पालन नहीं किया।
निश्चित रूप से अब माना जा रहा है कि लांडे की कार्रवाई से बिहार पुलिस की पूरे देश में किरकिरी हुई है और अब बिहार पुलिस के अधिकारी भी मान रहे हैं कि मीडिया में वाहवाही लूटने के लिए कैमरे के लिए यह बिल्कुल गलत ढंग से की गई कार्रवाई थी।
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