सीमा सड़क संगठन ने चार धाम परियोजना के अंतर्गत इस लॉकडाउन में ऋषिकेश-धारासू रोड (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 94) पर घनी आबादी वाले चंबा शहर के नीचे एक सुरंग बनाकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है. कोविड-19 और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर तमाम प्रतिबंधों के बावजूद नॉर्थ साउथ पोर्टल की निर्माण टीम के सधे संपर्क और महत्वपूर्ण खोज के कारण यह निर्माण कार्य संभव हो पाया.
इस सुरंग का निर्माण कार्य भूमि अधिग्रहण, कमजोर भूगर्भ, सतत जल रिसाव और सुरंग के ऊपर घनी बसावट क्षेत्र जैसी महत्वपूर्ण समस्याओं के कारण एक चुनौतीपूर्ण कार्य था. सीमा सड़क संगठन ने जनवरी 2019 में सुरंग के नार्थ पोर्टल पर कार्य शुरू किया लेकिन साउथ पोर्टल पर यह कार्य अक्टूबर 2019 के बाद ही शुरू किया जा सका. सुरंग के निर्माण कार्य में कामगारों की दिन-रात की मेहनत, आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग और मैसर्स भारत कंस्ट्रक्शन, देहरादून द्वारा प्रदान की गई मशीनों का बहुत बड़ा योगदान हैं.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सीमा सड़क संगठन चारधाम परियोजना में महत्वपूर्ण भागीदार है और यह यातायात को सुचारू बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएगा. उन्होंने यह भी बताया की चंबा सुरंग को पूरा करने में ऑस्ट्रिया की नवीनतम प्रौद्योगिकी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस परियोजना के पूरा होने की अवधि जनवरी 2021 थी जबकि इसे निर्धारित समयावधि से 3 महीने पहले ही पूरा कर लिया गया है.
अब यह परियोजना अक्टूबर 2020 में जनसाधारण के लिए खोल दी जाएगी. 88 करोड़ रुपए की लागत से 6 किलोमीटर लंबी सड़क और 450 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य किया जा रहा है.
लगभग 12000 करोड़ रुपए की लागत से मशहूर चारधाम परियोजना के अंतर्गत सीमा सड़क संगठन गंगोत्री और बद्रीनाथ जैसे पवित्र स्थलों को जोड़ने वाली 250 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कर रही है. अधिकांश निर्माण कार्य समय से पहले पूरा हो रहा है और अक्टूबर 2020 तक इसके पूरा हो जाने की उम्मीद है. नितिन गडकरी ने सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह को इस महत्वपूर्ण कार्य के समय पर पूरा होने के लिए बधाई दी.
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