युद्धग्रस्त यूक्रेन से वापस बेंगलुरु लौटे भारतीय नागरिकों ने कहा कि यूक्रेन के साथ ही हंगरी और स्लोवाकिया स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों के प्रयासों के चलते उन्हें यात्रा के दौरान किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा. वापस आए भारतीय लोगों में अधिकतर छात्र हैं. यूक्रेन में उझोरोड राष्ट्रीय चिकित्सा विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले मोहम्मद शोएब और प्रतीक नागराज ने कहा कि वे यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से में थे जोकि व्यापक तौर पर रूसी हमले से प्रभावित नहीं रहा.
दोनों छात्रों ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने भारतीय छात्रों को पड़ोसी देश हंगरी और स्लोवाकिया भेजने के लिए बसों का इंतजाम किया.
नागराज ने पीटीआई-भाषा से कहा, '' सीमा पर हमारे पासपोर्ट का सत्यापन करने के बाद हमें हंगरी में प्रवेश करने दिया गया. फिर वहां से हम भारत आने वाली उड़ान में सवार होकर अपने देश पहुंचे.'' नागराज के मुताबिक, यूक्रेन से अन्य पड़ोसी देशों में ले जाने के लिए पांच बसों का इंतजाम किया गया था.
इस बीच, कर्नाटक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आयुक्त मनोज राजन ने कहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और महाराष्ट्र में मुबंई हवाई अड्डे पर सुविधा केंद्र खोलने के निर्देश दिए हैं ताकि यूक्रेन में फंसे कर्नाटक के छात्रों के साथ समन्वय और उनकी सहायता में आसानी हो.
राजन ने एक बयान में कहा कि नई दिल्ली और मुंबई से बेंगलुरु से विमान यात्रा के टिकट का खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है.
वहीं, कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम ने यूक्रेन से वापस लौट रहे भारतीयों को राज्य के भीतर उनके गृह जिले जाने की सुविधा नि:शुल्क देने का फैसला किया है.
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