सलमान खान केस का गवाह हरीश दुलानी
नई दिल्ली:
1998 में काला चिंकारा मामले का अहम गवाह हरीश दुलानी पहली बार सामने आया है। उसने बताया है कि यदि उसके परिवार की सुरक्षा की गारंटी दी जाए तो वह अहम बयान दे सकता है। उसने बताया कि उस दिन वही गाड़ी चला रहा था।
दुलानी ने बताया, 'सलमान ने काला चिंकारा देखकर बंदूक निकाली। उन्होंने पहला फायर किया, लेकिन वह (चिंकारा) बच गया। उसके बाद उन्होंने दूसरा फायर किया और चिंकारा गोली लगने से घायल हो गया। वह गाड़ी से उतरकर गए और चाकू से उसका गला रेत दिया।'
उल्लेखनीय है कि सलमान खान को पिछले सप्ताह हाई कोर्ट ने इस विलुप्तप्राय प्राणी की हत्या के मामले में बरी कर दिया गया था। इस मामले में दुलानी ने कहा, ''मेरे पिता को धमकियां मिल रही थीं इसलिए मैं जोधपुर छोड़कर निकटवर्ती इलाके में चला गया था। यदि मुझे पुलिस संरक्षण मिला, तो मैं अपना बयान दे सकता हूं। मैं अभी भी अपने पूर्ववर्ती बयान पर कायम हूं कि उस चिंकारे को सलमान खान ने ही मारा था।''
इससे पहले गवाह के अभाव में राजस्थान हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को खारिज कर दिया था, जिसमें अभिनेता को पांच साल की सजा सुनाई गई थी। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यह बात साबित नहीं होती कि चिंकारे को सलमान ने अपनी लाइसेंसी गन से ही मारा था।
दरअसल हाई कोर्ट में पूरी सुनवाई के दौरान एकमात्र चश्मदीद गवाह हरीश दुलानी के गायब रहने का मामला प्रकाश में आया। उसकी गवाही नहीं होने के कारण केस कमजोर हो गया और फैसला सलमान खान के पक्ष में चला गया। गौरतलब है कि काले हिरण के शिकार का एक तीसरा मामला अभी राजस्थान में विचाराधीन है।
2006 में सलमान खान को चिंकारा मामले में निचली अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई थी। उन्होंने एक सप्ताह जोधपुर की जेल में भी बिताए थे और उसके बाद उनको जमानत मिल गई थी।
दुलानी ने बताया, 'सलमान ने काला चिंकारा देखकर बंदूक निकाली। उन्होंने पहला फायर किया, लेकिन वह (चिंकारा) बच गया। उसके बाद उन्होंने दूसरा फायर किया और चिंकारा गोली लगने से घायल हो गया। वह गाड़ी से उतरकर गए और चाकू से उसका गला रेत दिया।'
उल्लेखनीय है कि सलमान खान को पिछले सप्ताह हाई कोर्ट ने इस विलुप्तप्राय प्राणी की हत्या के मामले में बरी कर दिया गया था। इस मामले में दुलानी ने कहा, ''मेरे पिता को धमकियां मिल रही थीं इसलिए मैं जोधपुर छोड़कर निकटवर्ती इलाके में चला गया था। यदि मुझे पुलिस संरक्षण मिला, तो मैं अपना बयान दे सकता हूं। मैं अभी भी अपने पूर्ववर्ती बयान पर कायम हूं कि उस चिंकारे को सलमान खान ने ही मारा था।''
इससे पहले गवाह के अभाव में राजस्थान हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को खारिज कर दिया था, जिसमें अभिनेता को पांच साल की सजा सुनाई गई थी। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यह बात साबित नहीं होती कि चिंकारे को सलमान ने अपनी लाइसेंसी गन से ही मारा था।
दरअसल हाई कोर्ट में पूरी सुनवाई के दौरान एकमात्र चश्मदीद गवाह हरीश दुलानी के गायब रहने का मामला प्रकाश में आया। उसकी गवाही नहीं होने के कारण केस कमजोर हो गया और फैसला सलमान खान के पक्ष में चला गया। गौरतलब है कि काले हिरण के शिकार का एक तीसरा मामला अभी राजस्थान में विचाराधीन है।
2006 में सलमान खान को चिंकारा मामले में निचली अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई थी। उन्होंने एक सप्ताह जोधपुर की जेल में भी बिताए थे और उसके बाद उनको जमानत मिल गई थी।
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