PM Narendra Modi Meeting on Corona With CM's: देश में कोरोना के हालात पर चर्चा के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माइक्रो कंटेनमेंट जोन्स बनाने और टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दिया है. उनका मानना है कि ऐसा करके ही कोरोना वायरस की दूसरी लरह का मुकाबला किया जा सकता है. पीएम ने कहा कि प्रोएक्टिव टेस्टिंग बहुत जरूरी है इससे एसिंप्टोमेटिक मरीजों की पहचान करना आसान होगा. अब ज्यादा मामले एसिंप्टोमेटिक आ रहे हैं, इससे लोगों को लगता है कि उन्हें हल्की फुल्की बीमारी है और फिर वह पूरे परिवार को संक्रमित कर देते हैं.
पीएम ने कहा, ''हम 11 से 14 अप्रैल के बीच 'टीका उत्सव' मना से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगा सकते हैं''
पीएम मोदी ने राज्यों के सीएम से बातचीत के दौरान जोर देकर कहा कि टेस्टिंग और ट्रेसिंग सबसे महत्वपूर्ण है. हमें पॉजिटिविटी रेट 5% से नीचे लाना है. हमारा टारगेट 70% आरटी पीसीआर टेस्ट करने का है. हमें किसी भी टेस्ट का सैंपल सही तरीके से करना होगा तभी सही नतीजे आएंगे. उन्होंने कहा कि कोविड-19 Fatigue की वजह से जमीन पर कहीं भी सुस्ती नहीं आने देने चाहिए. Mortality रेट कम से कम रहे, इस पर हमें विशेष रूप से ध्यान रखना होगा.
पीएम ने कहा, 'लोग पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा कैजुअल हो गए हैं'
पीएम मोदी ने कहा कि कई जगहों पर RT PCR टेस्ट सही ढंग से न किए जाने की जानकारी भी सामने आई है. पीएम मोदी ने इस बात पर चिंता जताई कि देश के कुछ राज्यों में कोरोना के मामले बेहद तेजी से बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 को लेकर लोग उकताने की स्थिति में आ चुके हैं. लेकिन इस वजह से जमीन पर कहीं भी सुस्ती नहीं आने देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि दुनिया ने भी रात्रि कर्फ्यू को स्वीकार किया है. कर्फ्यू से लोगों को यह याद आता है कि मैं कोरोना कॉल में जी रहा हूं. अच्छा होगा कि हम नाइट कर्फ्यू को 'कोरोना कर्फ्यू' के नाम से प्रचारित करें.
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