श्रीनगर:
श्रीनगर के NIT में चल रहे विवाद में सोशल मीडिया का ज़्यादा इस्तेमाल ना हो इसके लिए राज्य प्रशासन और पुलिस ने इंटरनेट की बैंडविड्थ कैम्पस में कम कर दी है ताकि छात्र ना सोशल साइट्स पर ज़्यादा पोस्ट कर सकें और ना ही विडीयो अपलोड कर सकें।
यही नहीं कॉलेज कैम्पस में किसी भी बाहर के शख़्स ही नहीं बल्कि मीडिया के भी जाने की पाबंदी है। कॉलेज के गेट पर सीआरपीएफ और राज्य पुलिस तैनात है, इस बात को लेकर छात्रों के माता पिता काफ़ी चिंतित हैं।
एक बेटी के चिंतित पिता ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, "मैं अपनी बेटी से मिलने जाना चाहता हूं लेकिन कोई अंदर नहीं जाने दे रहा। ना प्रशासन ना कॉलेज के लोग हमारी मदद कर रहे हैं अब हम सब पेरेंट्स मिलकर तय करेंगे की क्या करें।'
कुछ अभिभावकों का कहना है कि बाहरी छात्रों से भेदभाव भी हो रहा है। एक पिता ने मामले की गम्भीरता समझायी और कहा, "मेरी बेटी ने टीचर से सवाल पूछा की ऐसिड रैन क्या होता है तो टीचर ने कहा की ऐसिड रैन भारत में होती होगी यहां कश्मीर में नहीं। ऐसे महोल में बच्चे कैसे पढ़ सकते हैं।"
एक पिता का कहना था, "सोशल साइट्स में हमारे बच्चों को धमकियाँ भी मिल रही है।" एक और पिता ने बताया उनके मुताबिक़ लड़कियों को हॉस्टल से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। मेरे लड़के का लैपटॉप बाहर मैकेनिक के पास था, उसे भी लेने नहीं जाने दिया।''
कुछ पेरेंट्स ये भी आरोप लगा रहे हैं कि पुलिसकर्मियों ने लड़कियों को गाली दी। एक अभीवावक ने कहा, "इसीलिए हम चाहते हैं कि सीआरपीएफ वहां तैनात की जाए।'' हालांकि पुलिस कहती है कि छात्रों ने उन्हें गालियां दी और उनके पास इसको साबित करने की सबूत भी है।
यही नहीं कॉलेज कैम्पस में किसी भी बाहर के शख़्स ही नहीं बल्कि मीडिया के भी जाने की पाबंदी है। कॉलेज के गेट पर सीआरपीएफ और राज्य पुलिस तैनात है, इस बात को लेकर छात्रों के माता पिता काफ़ी चिंतित हैं।
एक बेटी के चिंतित पिता ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, "मैं अपनी बेटी से मिलने जाना चाहता हूं लेकिन कोई अंदर नहीं जाने दे रहा। ना प्रशासन ना कॉलेज के लोग हमारी मदद कर रहे हैं अब हम सब पेरेंट्स मिलकर तय करेंगे की क्या करें।'
कुछ अभिभावकों का कहना है कि बाहरी छात्रों से भेदभाव भी हो रहा है। एक पिता ने मामले की गम्भीरता समझायी और कहा, "मेरी बेटी ने टीचर से सवाल पूछा की ऐसिड रैन क्या होता है तो टीचर ने कहा की ऐसिड रैन भारत में होती होगी यहां कश्मीर में नहीं। ऐसे महोल में बच्चे कैसे पढ़ सकते हैं।"
एक पिता का कहना था, "सोशल साइट्स में हमारे बच्चों को धमकियाँ भी मिल रही है।" एक और पिता ने बताया उनके मुताबिक़ लड़कियों को हॉस्टल से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। मेरे लड़के का लैपटॉप बाहर मैकेनिक के पास था, उसे भी लेने नहीं जाने दिया।''
कुछ पेरेंट्स ये भी आरोप लगा रहे हैं कि पुलिसकर्मियों ने लड़कियों को गाली दी। एक अभीवावक ने कहा, "इसीलिए हम चाहते हैं कि सीआरपीएफ वहां तैनात की जाए।'' हालांकि पुलिस कहती है कि छात्रों ने उन्हें गालियां दी और उनके पास इसको साबित करने की सबूत भी है।
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