श्रीनगर:
श्रीनगर में कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की घोषणा के बाद बंद से जनजीवन प्रभावित रहा। कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए गिलानी को प्रशासन ने नजरबंद किया है। पिछले साल पुराना शहर इलाके में आंसू गैस का गोला लगने से मारे गए तुफैल अहमद मट्टू की मौत का एक साल पूरा होने के दिन यह बंद आयोजित किया गया है। तुफैल की मौत के बाद घाटी में हिंसा का चक्र शुरू हो गया था और इस हिंसा में करीब 110 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। गिलानी ने लोगों से बंद आयोजित करने और श्रीनगर के पुराना शहर स्थित ईदगाह मैदान के शहीद स्मारक तक जुलूस निकालने की अपील की थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए गिलानी से घर से बाहर नहीं जाने के लिए कहा गया है। शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, यदि गिलानी साहब हर शुक्रवार को मस्जिदों के बाहर सामान्य रूप से एकत्रित भीड़ का फायदा उठाना चाहते हैं, तो मैं इसकी इजाजत नहीं दे सकते। मैं कश्मीर में किसी को शांति भंग करने की इजाजत नहीं दे सकता।
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