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This Article is From Oct 17, 2019

पाकिस्‍तानी लड़ाकू विमानों ने रोका था स्‍पाइसजेट के दिल्‍ली से काबुल जा रहे विमान को : सूत्र

नई दिल्‍ली से काबुल जा रहे स्‍पाइस जेट के एक विमान को पाकिस्‍तानी वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने न केवल इंटरसेप्‍ट किया बल्कि बाद में अपने देश के वायुक्षेत्र के बाहर तक एस्‍कॉर्ट भी किया. घटना सितंबर महीने की है.

पाकिस्‍तानी लड़ाकू विमानों ने रोका था स्‍पाइसजेट के दिल्‍ली से काबुल जा रहे विमान को : सूत्र
नई दिल्‍ली:

नई दिल्‍ली से काबुल जा रहे स्‍पाइस जेट (SpiceJet) के एक विमान को पाकिस्‍तानी वायुसेना (Pakistan Air Force) के लड़ाकू विमानों ने न केवल इंटरसेप्‍ट किया बल्कि बाद में अपने देश के वायुक्षेत्र के बाहर तक एस्‍कॉर्ट भी किया. घटना सितंबर महीने की है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के सूत्रों ने आज यह जानकारी दी. विमान में 120 यात्री सवार थे और यह घटना 23 सितंबर की है.

DGCA के अधिकारियों के अनुसार, जब बोइंग 737 विमान पाकिस्‍तान के वायुक्षेत्र में घुसा तो उसे दिए गए 'कॉल साइन' को लेकर भ्रम की स्थिति उत्‍पन्‍न हो गई जिसकी वजह से ये नौबत आई.

पाकिस्‍तानी वायुसेना के विमानों ने स्‍पाइसजेट के विमान को अपनी ऊंचाई कम करने को कहा. स्‍पाइसजेट के पायलटों ने पाकिस्‍तानी लड़ाकू विमानों से बात की और कमर्शियल विमान के रूप में अपनी पहचान बताई.

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फिर स्‍पाइसजेट के विमान को यात्रा जारी रखने दी गई और जब तक वो अफगानिस्‍तान के वायुक्षेत्र में प्रवेश नहीं कर गया तब उसे एस्‍कॉर्ट किया गया. स्‍पाइसजेट ने फिल्‍हाल इस मामले पर कोई टिप्‍पणी नहीं की है.

पाकिस्‍तान ने 26 फरवरी को बालाकोट में जैश-ए-मोहम्‍मद के आतंकी कैंपों पर हुए एयर स्‍ट्राइक के बाद से ही अपना वायुक्षेत्र भारत के लिए बंद कर रखा है. लेकिन जुलाई में इसने आंशिक रूप से इसे खोलने का फैसला किया. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार उसके कुछ दिनों बाद पाकिस्‍तान के उड्डयन मंत्री ने माना था कि वायुक्षेत्र पर प्रतिबंध लगाने की वजह से उनके देश को 50 मिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा.

पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा और राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद की आइसलैंड यात्रा के लिए अपने वायुक्षेत्र का इस्‍तेमाल करने देने से इनकार कर दिया था. पाकिस्‍तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इसके लिए भारत द्वारा जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को हटाए जाने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के फैसले को जिम्‍मेदार ठहराया था.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्‍तान द्वारा वीवीआईपी स्‍पेशल उड़ानों को भी अपने वायुक्षेत्र से नहीं गुजरने देने के इस फैसले पर खेद जताया था और कहा था कि कोई भी सामान्‍य देश नियमित रूप से ऐसी मंजूरी देता ही है.

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