New Delhi:
सोनिया गांधी ने अन्ना हजारे की चिट्ठी का जवाब दिया है। सोनिया ने लिखा है... प्रिय अन्ना हजारे जी, आपका 9 जून, 2011 का पत्र मिला। दिल्ली से बाहर होने की वजह से मैं उसका उत्तर नहीं दे पाई। इस बीच आपने उसे सार्वजनिक भी कर दिया। मैं इस संबंध में जानकारी लूंगी। जहां तक उसमें उठाए गए दूसरे मुद्दों का सवाल है, उनके संबंध में मैं अपना दृष्टिकोण 19 अप्रैल, 2011 के पत्र में पहले ही स्पष्ट कर चुकी हूं। शुभकामनाओं सहित सोनिया गांधी। इससे पहले 9 जून को अन्ना हजारे ने सोनिया गांधी को खत लिखा था, जिसमें उन्होंने लिखा था, कांग्रेस के कई सीनियर नेताओं ने कहा है कि मैं बीजेपी और आरएसएस का मुखौटा हूं। अपने 73 साल के जीवन में मैं किसी भी पार्टी या फ्रंट के करीब नहीं गया, क्योंकि हर जगह भ्रष्टाचार है। उन्होंने लिखा है कि जो बयान आ रहे हैं, वो उन्हें बदनाम करने की साजिश का हिस्सा हैं। अन्ना ने आगे लिखा है मैं आपसे निवेदन करता हूं कि ये तय करें कि कांग्रेस के जिम्मेदार नेता उनके चरित्र पर सवाल न उठाएं और लोगों को जन लोकपाल बिल पर गुमराह न करें। अन्ना ने लिखा है कि अगर कांग्रेस पार्टी के पास उनके खिलाफ पुख्ता सबूत हैं, तो उसे सार्वजनिक करें।
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अन्ना हजारे, सोनिया गांधी, लोकपाल बिल