नासिक:
जिंदा जला दिए गए मालेगांव के अतिरिक्त जिलाधीश यशवंत सोनावणे के निजी सहयोगी ने बताया कि जिलाधिकारी ने किरोसिन चोरी की घटना को अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया था जिसे उन लोगों ने देख लिया और उसके बाद कथित स्थानीय तेल माफिया ने उन्हें जिंदा जिला दिया। इस क्रूर हादसे में 42 वर्षीय अधिकारी यशवंत सोनावणे को नासिक जिले के पनेवाड़ी नगर में जिंदा जला दिया गया था। इस हादसे के प्रत्यक्षदर्शी गवाह राजू काले ने कहा कि यशवंत सोनावणे पर हमला कुछ मोटरसाइकिल सवार लोगों ने किया। उसने बताया कि हमले के समय वहां सात से आठ व्यक्ति मौजूद थे। सोनावणे के निजी सहयोगी काले ने बताया कि उसने और सोनावणे ने इंधन टैंक के चालक को कंटेनर की आकृति के दो बक्सों में केरोसिन को निकालते और दूसरे ट्रक में रखते देखा। उसने कहा, सर ने इस सारे मामले को अपने मोबाइल में कैद कर लिया था। काले और अतिरिक्त जिलाधीश के सरकारी चालक घटनास्थल से भागने में कामयाब रहे थे। काले ने बताया कि फोन अब पुलिस विभाग के कब्जे में है। हमलावरों की पहचान के बारे में पूछे जाने पर काले ने कहा, मैं उस समय फोन पर बात कर रहा था। उनकी पीठ मेरी तरफ थी। घटना के बारे में पूछे जाने पर काले ने बताया कि हम नासिक से मनमाड़ की तरफ जा रहे थे तभी सोनावणे ने तेल के टैंकर को खड़ा देखने के बाद चालक से गाड़ी रोकने को कहा। उसके बाद उन्होंने चालक को टैंकर के पास पीछे से जाने को कहा। जिसके बाद हम सभी कार से उतर गए। सोनावणे ने टैंकर के चालक को दो बक्से में केरोसिन निकालते देखा जिसे वह दूसरे ट्रक में डाल रहा था।
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