बीरभूम (पश्चिम बंगाल):
माकपा से अपने निष्कासन की कड़ुवाहट को कम से कम फिलहाल के लिए भुलाते हुए लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी की विधानसभा चुनाव में अपनी पूर्व पार्टी के लिए प्रचार करने की योजना है, क्योंकि वह अब भी खुद को मार्क्सवादी मानते हैं। चटर्जी ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी पार्टी बदलाव का ढिंढोरा पीट रही है, लेकिन वह यह स्पष्ट नहीं बताती कि उसका एजेंडा क्या है। रविवार को होने जा रही एक चुनावी सभा से पहले अपनी पूर्व पार्टी का चटर्जी ने ऐसे समय समर्थन किया है, जब माकपा महासचिव प्रकाश करात कह चुके हैं कि चटर्जी और जाने माने अर्थशास्त्री डॉ अशोक मित्रा जैसे नेताओं का पश्चिम बंगाल में वाम दलों के लिए प्रचार करने पर स्वागत होगा। चटर्जी ने कहा, मैं (पश्चिम बंगाल के आवास मंत्री) गौतम देव के अनुरोध पर बैठक में भाग लेने पर सहमत हुआ हूं। उन्होंने मुझसे संपर्क कर अनुरोध किया कि मैं जनता को संबोधित करूं और मैंने इस न्यौते को स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा, अगर आप इसे प्रचार कहते हैं, तो हां मैं प्रचार कर रहा हूं। मैंने अपनी व्यक्तिगत क्षमताओं के तहत ऐसा किया है। एक जनसभा 24 अप्रैल को है। अगर सेहत ठीक रही तो मैं उसमें जाऊंगा।
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