काले धन पर नए प्रस्तावित कानून से सांसदों में हड़कंप

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नई दिल्‍ली:

केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि विदेशों में जमा काले धन पर अंकुश लगाने के लिए प्रस्तावित काले धन विरोधी विधेयक को मई के पहले हफ्ते में लोकसभा में पारित कराया जाएगा।

इस कानून का ऐलान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में किया था। अनडिस्‍क्लोजड फॉरेन इनकम एंड असेट्स (इंपोजिशन ऑफ टैक्स) बिल 2015 को 20 मार्च को लोकसभा में रखा गया था। लेकिन अब सांसदों में इस विधेयक के कई प्रावधानों को लेकर आशंका है और वो चाहते हैं कि इसे स्थाई समिति को भेजा जाए।
 
सूत्रों के मुताबिक विपक्षी दलों के सांसद लगातार सरकार से संपर्क कर रहे हैं और उनकी अपील है कि सरकार लोकसभा में अपने बहुमत का इस्तेमाल इस बिल को पास कराने में न करे। वो चाहते हैं कि इस बिल को स्थाई समिति में भेजा जाए ताकि वहां प्रावधानों पर सिलसिलेवार ढंग से विचार हो सके और जरूरत पड़ने पर विपक्षी दल कुछ संशोधन भी सुझा सकें।
 
कुछ मंत्रियों का कहना है कि विपक्षी सांसदों का ये रवैया काले धन को लेकर संसद के भीतर उनके रुख के बिल्कुल उलट है क्योंकि पिछले सत्र में काले धन को वापस लाने और इस पर अंकुश लगाने की मांग को लेकर विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा। मोदी सरकार विपक्ष का हमला इस बात पर भी झेल रही है कि उसने चुनाव से पहले काला धन को वापस ला कर हर भारतीय के बैंक खाते में 15 लाख रुपए जमा कराने के वादे को पूरा नहीं किया है।

उधर, विपक्षी सांसदों का कहना है कि प्रस्तावित कानून में कई कड़े प्रावधान किए जा रहे हैं जिनकी आड़ में आम लोगों को परेशान किया जा सकता है। उनका कहना है कि एक लाख रुपए से अधिक के लेन-देन में पैन नंबर बताना जरूरी करना भी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है।

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प्रस्तावित कानून में विदेशों में जमा अघोषित रकम पर 30 फीसदी टैक्स और तीन गुना जुर्माने और तीन से लेकर दस साल तक की सजा का प्रावधान है। जबकि एक तय समय तक 30 फीसदी टैक्स और इतना ही जुर्माना देकर ये रकम वापस लाई जा सकती है।
 
लेकिन सरकार इस विधेयक को स्टैंडिग समिति को भेजने की विपक्ष की मांग को मानने के लिए तैयार नहीं है। उसका कहना है कि काले धन पर अंकुश लगाने के लिए इस तरह का सख्त कानून जल्द से जल्द बनाने की जरूरत है। सरकार का ये भी आरोप है कि कुछ ऐसे सांसद भी हैं जो शायद दबाव में काम रहे हैं।
 
दूसरी तरफ सरकार ज्यादा से ज्यादा पैन कार्ड बनाने के लिए भी कदम उठा रही है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि जल्दी ही हर जिले में पैन कार्ड बनवाने के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे। साथ ही पैन कार्ड बनाने की सुविधा ऑनलाइन भी की जाएगी और इस पर आवेदन करने के 48 घंटों के भीतर ही पैन कार्ड मिल जाएगा। उसका कहना है कि ये कदम काले धन पर अंकुश लगाने की उसकी योजना का एक अहम हिस्सा है।